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Weather Updates : उत्तरकाशी में फटा बादल, उफान पर नाला, घरों-दुकानों में घुसा पानी, पंजाब में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 46 हुई

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शनिवार, 6 सितम्बर 2025 (22:43 IST)
देश के कई राज्यों बारिश और बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। उत्तरकाशी जिले में एक बार फिर बादल फटने की जानकारी सामने आ रही है। पंजाब में बाढ़ से अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है। उत्तरकाशी के नौगांव बाजार के स्योरी फल पट्टी में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। नौगांव क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण नौगांव खड्ड, देवलसारी खड्ड एवं मुराडी खड्ड का जलस्तर बढ़ने से कई स्थानों पर मलबा व पानी घरों में घुस गया।
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कई वाहन भी मलबे में दबे हुए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थान पर रेस्क्यू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर संज्ञान लिया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी से तत्काल वार्ता कर राहत एवं बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए. जिला प्रशासन, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ के दल प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना हो चुके हैं। 
हिमाचल में भूस्खलन
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में शनिवार सुबह भूस्खलन के बाद एक पहाड़ी का लगभग 200 मीटर हिस्सा कटकर बह गया। वहीं, राजस्थान के जयपुर में एक मकान के संभवत: लगातार जारी बारिश के कारण ढह जाने से एक युवक और उसकी पांच साल की बेटी की मौत हो गई, जबकि राज्य के बालोतरा शहर के छात्रों को उत्तराखंड के भूस्खलन प्रभावित मुनस्यारी में अपने परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेनी पड़ी।
 
दिल्ली में यमुना नदी में आई बाढ़ से विस्थापित 70 से अधिक परिवारों को अक्षरधाम के पास दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के किनारे बनाए गए अस्थाई तंबुओं में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। सुबह भारी बारिश के कारण 270 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बहाल करने के प्रयास नाकाम हो गए। यह प्रमुख सड़क लगातार पांचवें दिन भी बंद रही। हिमाचल प्रदेश के नोराधार के चोक्कर गांव में भूस्खलन के कारण पांच घर खतरे में आ गए। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि उनमें रहने वाले लोगों को समय रहते बचा लिया गया।
पंजाब में 1.75 लाख हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसलें बर्बाद 
पंजाब में आई विनाशकारी बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है, जबकि 1.75 लाख हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, सीमा सुरक्षा बल, पंजाब पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा राहत और बचाव अभियान युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है।
पंजाब दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण सतलुज, ब्यास और रावी नदियों तथा मौसमी नालों के उफान के चलते यह स्थिति बनी है। इसके अलावा, हाल के दिनों में पंजाब में हुई भारी बारिश ने हालात को और गंभीर कर दिया है, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
 
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को पोंग बांध का जलस्तर मामूली घटकर 1,394.19 फुट दर्ज किया गया, हालांकि यह अब भी उसकी अधिकतम सीमा 1,390 फीट से चार फुट ऊपर है। शुक्रवार शाम बांध का जलस्तर 1,394.8 फुट था।
 
अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार को बांध में पानी का प्रवाह 99,673 क्यूसेक था, जो घटकर 47,162 क्यूसेक रह गया, जबकि निकासी 99,673 क्यूसेक पर यथावत बनी रही। भाखड़ा बांध के मामले में शनिवार को जलस्तर 1,678.14 फुट दर्ज किया गया, जो शुक्रवार को 1,678.47 फुट था। सतलुज नदी पर बने इस बांध में पानी का प्रवाह 62,481 क्यूसेक और निकासी 52,000 क्यूसेक रही।
 
राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बाढ़ को पांच दशकों में सबसे भीषण बताया। उन्होंने कहा कि पंजाब और पड़ोसी पहाड़ी राज्यों में लगातार हुई बारिश ने व्यापक तबाही मचाई है, जिससे सभी जिलों के लगभग 2,000 गांव प्रभावित हुए हैं। ताजा बुलेटिन के अनुसार, 3.87 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 46 मौतों की पुष्टि हुई है। एक अगस्त से पांच सितंबर के बीच 14 जिलों से 43 मौतें दर्ज की गई थीं। कुल 23 जिलों के 1,996 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
 
सबसे अधिक सात-सात मौतें होशियारपुर और अमृतसर से हुईं। इसके बाद पठानकोट में छह, बरनाला में पांच, लुधियाना और बठिंडा में चार-चार, मानसा में तीन, गुरदासपुर, रूपनगर और एसएएस नगर में दो-दो और पटियाला, संगरूर, फाजिल्का और फिरोजपुर से एक-एक मौत दर्ज की गई। पठानकोट में तीन लोग लापता हैं।
इसी बीच, फिरोजपुर जिले के तल्ली गुलाम गांव का 50 वर्षीय व्यक्ति उफनती नदी की तेज धारा में बह गया और उसकी मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से जिले में पानी का स्तर खतरनाक स्तर पर है और लगातार बाढ़ से गांवों में रहने वालों का जीवन कठिन हो गया है। बाढ़ से संबंधित यह आंकड़े एक अगस्त से छह सितंबर तक की अवधि के हैं।
 
अधिकारियों ने बताया कि अब तक 22,854 लोगों को प्रभावित इलाकों से निकाला जा चुका है। चीमा ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि क्षेत्र को 18 जिलों में भारी नुकसान हुआ है।
 
इसके अलावा, बुनियादी ढांचे, मकानों और पशुधन को भी बड़ा नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि घग्गर नदी का जलस्तर भी 750 फुट के खतरे के निशान को पार कर गया है। उन्होंने कहा कि राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने इस अभूतपूर्व बाढ़ पर तुरंत कार्रवाई करते हुए संवेदनशील रवैया अपनाया है।
 
मंत्री ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से जवाबदेही और समर्थन की आवश्यकता पर बल दिया तथा कहा कि इस संकट के लिए "राजनीतिक अवसरवाद" के बजाय सहयोगात्मक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। चीमा ने कहा कि तबाही के बावजूद पंजाब सरकार ने तेज और समन्वित तरीके से कार्रवाई की है।
 
उन्होंने बताया कि राज्यभर में लगभग 200 राहत शिविर लगाए गए हैं, जहां 7,000 से अधिक विस्थापित लोगों को शरण दी गई है। एनडीआरएफ की 24 और एसडीआरएफ की दो टीमें, 144 नौकाओं की मदद से राहत और बचाव अभियान चला रही हैं।
 
पंजाब के मंत्री अमन अरोड़ा ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर शनिवार को निशाना साधते हुए कहा कि वह बाढ़ के लिए नदियों में अवैध खनन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जबकि भाजपा नेता वित्तीय मदद की घोषणा करने के बजाय सिर्फ “फोटो खिंचवाने” के लिए बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करते हैं।
 
‘आप’ ने भाजपा पर पंजाब के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया और कहा कि चौहान ने बाढ़ सहायता के लिए “एक पैसा” भी घोषित नहीं किया, जबकि राज्य सरकार ने केंद्र से ‘लंबति’ 60,000 करोड़ रुपये की मांग की है।‘आप’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
वहीं होशियारपुर जिले में टांडा और मुकेरियां उप-विभागों के निचले इलाकों में भारी नुकसान हुआ है, जहां धान, गन्ना और मक्का जैसी फसलों को भारी क्षति हुई है। उपायुक्त आशिका जैन ने कहा कि नुकसान का आकलन करने के लिए विस्तृत सर्वेक्षण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को मुआवज़ा दिया जाएगा और समय पर राहत और बचाव कार्य सुनिश्चित करने के लिए सभी विभाग समन्वय से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। इस बीच, कपूरथला जिले के उपायुक्त अमित कुमार पंचाल ने बताया कि ब्यास नदी में पानी का प्रवाह 1.72 लाख क्यूसेक दर्ज किया गया। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma

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