ई-एडमिट कार्ड को लेकर परीक्षार्थियों को UPSC ने दी यह नसीहत

Webdunia
मंगलवार, 28 मई 2019 (15:22 IST)
नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 2 जून को होने वाली सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों को उनके ई-एडमिट कार्ड सुरक्षित रखने की सलाह देते हुए कहा है कि अगर किसी अभ्यर्थी के प्रवेश पत्र का उपयोग कोई अन्य व्यक्ति करता हुआ पाया गया तो जिम्मेदारी उस अभ्यर्थी की होगी।
 
यूपीएससी ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा के लिए परामर्श जारी करते हुए अभ्यर्थियों से अंतिम परिणामों की घोषणा होने तक ई-एडमिट कार्ड सुरक्षित रखने को कहा है।
 
आयोग ने कहा कि आपके ई-एडमिट कार्ड की सुरक्षा के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे। अगर अन्य कोई व्यक्ति आपके ई-एडमिट कार्ड का इस्तेमाल करता पाया गया तो यह साबित करने की जिम्मेदारी आपकी होगी कि आपने किसी अन्य की सेवा परीक्षा के लिए नहीं ली है।
 
उम्मीदवारों से ई-एडमिट कार्ड के प्रिंटआउट के साथ मूल फोटो पहचान-पत्र भी लाने को कहा गया है जिसका नंबर प्रवेश-पत्र पर अंकित हो। प्रत्येक सत्र में परीक्षा हॉल में प्रवेश के लिए ये दोनों दस्तावेज लाने होंगे।
 
UPSC ने यह भी कहा है कि अभ्यर्थी साधारण कलाई घड़ी का इस्तेमाल समय देखने के लिए कर सकते हैं, लेकिन किसी विशेष उपकरण से युक्त घड़ी प्रतिबंधित है। इसमें कहा गया है कि जिन अभ्यर्थियों के ई-प्रवेश पत्र पर तस्वीर साफ नहीं है, उन्हें एक फोटो पहचान-पत्र और पासपोर्ट आकार के दो फोटो लाने होंगे।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Rate : सस्ता हुआ सोना, कीमतों में 1200 से ज्यादा की गिरावट

भारत को चीन से कोई खतरा नहीं, Sam Pitroda के बयान से Congress का किनारा, BJP ने बताया गलवान के शहीदों का अपमान

Apple का सस्ता मोबाइल, iphone 15 से कम कीमत, मचा देगा तूफान, जानिए क्या होंगे फीचर्स

दिल्ली में आज क्‍यों आया भूकंप, वरिष्‍ठ वैज्ञानिक ने दिया यह जवाब

Vivo V50 price : दमदार AI फीचर्स, 50 MP कैमरा, वीवो का सस्ता स्मार्टफोन मचाने आया धमाल, जानिए फीचर्स

सभी देखें

नवीनतम

GIS 2025: जीआईएस में औद्योगिक निवेश और आर्थिक विकास की संभावनाओं पर होगा मंथन

रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, गिरफ्तारी पर क्या कहा?

LIVE: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रणवीर इलाहबादिया को फटकार, पासपोर्ट सरेंडर करने को भी कहा

उदित राज के बिगड़े बोल, मायावती ने किया पलटवार

उत्तराखंड हाईकोर्ट का सवाल, लिव-इन का पंजीकरण गोपनीयता पर हमला कैसे?

अगला लेख
More