लखनऊ। उत्तरप्रदेश के नगर निकाय चुनावों में भाजपा ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया और महापौर की 16 सीटों में से 14 परिणाम भाजपा के पक्ष में रहे जबकि अलीगढ़ और मेरठ सीटें बसपा के खाते में गई। नगर निकाय चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए अग्निपरीक्षा माने जा रहे थे और उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों के लिए जमकर प्रचार भी किया। आइए जानते हैं नगर निकाय चुनाव में भाजपा को मिली भारी सफलता के पीछे की वजह...
योगी की सक्रियता: उत्तरप्रदेश में निकाय चुनावों को योगी आदित्यनाथ के साथ ही भाजपा ने भी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। योगी ने इन चुनावों में बेहतर नीति के साथ प्रचार किया। वह जनता में अपने कार्यों को प्रचारित करने में सफल रहे।
भाजपा की बेहतर रणनीति : भाजपा के सभी नेताओं ने इस चुनाव में बेहतर सामंजस्य के साथ काम किया। टिकट वितरण से लेकर चुनाव प्रचार, मतदान तक पार्टी कार्यकर्ताओं की सक्रियता और जोश देखते ही बनता था। गुजरात चुनाव से पहले हो रहे इन चुनावों में बड़ी जीत दर्ज कर पार्टी भाजपा की लहर को दिखाना चाहती थी और वह यह करने में सफल रही।
सपा में बिखराव : यूपी में भाजपा की सफलता के पीछे एक वजह मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी में बिखराव भी है। इन चुनावों में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की कमी कार्यकर्ताओं को खली। बेहतर रणनीति के अभाव में सपा भाजपा के सामने किसी भी तरह की चुनौती पेश करने में असफल रही।
कांग्रेस का मिशन गुजरात : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत गुजरात चुनावों में लगा दी है। कांग्रेस के गढ़ अमेठी में जहां एक ओर स्मृति ईरानी की सक्रियता दिखाई दी वहीं राहुल गांधी का ध्यान इस ओर बिल्कुल नहीं था। अमेठी ही नहीं पूरे उत्तरप्रदेश में कांग्रेस संगठन भाजपा के हाईटेक प्रचार के आगे बेबस दिखाई दिया।