नई दिल्ली। बेमौसम बारिश, वाहन ऋण पर ऊंची ब्याज दर और नए नियामकीय मानदंडों के कारण बढ़ी लागत की वजह से वाहन उद्योग को चालू वित्त वर्ष में सतर्क रहने की जरूरत है। बेमौसम बारिश से विशेषरूप से ग्रामीण मांग प्रभावित हो रही है। वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अनुसार उद्योग की वृद्धि में गिरावट आने वाली है।
वाहन उद्योग ने वित्त वर्ष 2022-23 में कुल खुदरा बिक्री में 21 प्रतिशत की दहाई अंक में वृद्धि दर्ज की। 2 साल के अंतराल के बाद यह उद्योग के लिए कोविड-प्रभाव से मुक्त पहला वर्ष था। ऊंचे आधार प्रभाव के बीच चालू वित्त वर्ष में उद्योग की वृद्धि घटकर 1 अंक पर आने की आशंका है।
डीलर संघ द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार कुल घरेलू वाहन खुदरा बिक्री वित्त वर्ष 2021-22 में 1,83,27,326 इकाइयों के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 में 2,21,50,222 इकाई रही। मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि हो सकता है कि मार्च और अप्रैल की शुरुआत में बेमौसम बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में धारणा कमजोर हुई हो।
फाडा ने कहा कि उत्तर और मध्यभारत में बेमौसम मूसलधार बारिश ने प्रमुख रबी की फसलों को नष्ट कर दिया और फसल कटाई में देरी हो गई जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बिक्री में नकारात्मक असर पड़ेगा। वाहन विनिर्माताओं की एक और चिंता वाहन ऋण पर ऊंची ब्याज दरें हैं।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta