नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने रीयल एस्टेट कंपनी यूनीटेक के प्रोमोटर संजय चन्द्रा को गुरुग्राम की एक आवासीय परियोजना के फ्लैट खरीदारों से धोखाधड़ी करने के मामले में एक सप्ताह की अंतरिम जमानत देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय खंडपीठ ने चंद्रा को अगले शुक्रवार तक अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। खंडपीठ के अन्य सदस्य हैं- न्यायमूर्ति अमिताभ राय और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर।
न्यायालय ने कहा कि वह यूनिटेक प्रोमोटर की अंतरिम जमानत को लेकर तभी विचार करेगा जब उसके पास कंपनी की आवासीय परियोजनाओं, फ्लैटों और घर खरीदारों के बारे में विस्तृत ब्योरा उपलब्ध हो जाएगा। इसके लिए न्यायमूर्ति मिश्रा ने वरिष्ठ अधिवक्ता पवन कुमार अग्रवाल को न्यायमित्र बनाया और उन्हें यह ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है कि कितने खरीदार पैसा चाहते हैं और कितने फ्लैट या घर।
शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 सितम्बर की तारीख मुकर्रर की है। चन्द्रा बंधुओं (संजय और अजय चन्द्रा) ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 11 अगस्त के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।
उच्च न्यायालय ने उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का उन्हें निर्देश दिया था। इससे पहले संजय चन्द्रा के वकील ने कहा था कि उनके मुवक्किल ने सभी शर्तों को पूरा करने के साथ ही अब तक 20 करोड़ रुपए भी जमा कर दिए हैं। (वार्ता)