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सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हुईं मोदी की मंत्री, सावित्री ठाकुर नहीं लिख पाई बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, बुधवार, 19 जून 2024 (16:28 IST)
Union Minister of State for Women and Child Development Savitri Thakur: केन्द्र सरकार की महिला और बाल विकास मंत्री मध्य प्रदेश के धार से सांसद सावित्री ठाकुर 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसा स्लोगन सही तरीके नहीं लिख पाईं। उन्होंने बोर्ड पर लिखा- 'बेढी पडाओ बच्चाव'। 12वीं पास मंत्री ठाकुर की इस लिखावट ने मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठा दिए हैं। मंत्री का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। 
 
दरअसल, यह स्लोगन मंत्री जी को जागरूकता पर रथ ‍पर लिखना था। यह कोई ऐसा स्लोगन भी नहीं है जो अचानक सामने आया है। इस स्लोगन को वर्षों से सरकारी विज्ञापनों में, खबरों में यहां तक कि दीवारों पर लिखा हुआ देखा जा सकता है। मंत्री जी की भी इस पर कई बार नजर भी पड़ी होगी। इसके बावजूद मंत्री इसे सही तरीके से नहीं लिख पाईं। सोशल मीडिया पर लोगों ने उनके मंत्री पद पर चयन को लेकर भी सवाल उठा दिए हैं। 
 
अनुराग द्वारी ने लिखा- ये केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर हैं। जिले में शिक्षा जागरूकता रथ पर उन्हें ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का स्लोगन लिखना था लेकिन, मंत्रीजी ने लिखा- 'बेढी पडाओ बच्चाव'। शपथ-पत्र के मुताबिक वे 12वीं पास हैं। ये टीप उनके नहीं बल्कि देश के 'शैक्षणिक स्तर' पर है।
एमपी युवा शक्ति हैंडल से लिखा गया- क्या अब मोदी जी का धन्यवाद नही करना चाहिए? उन्होंने देश को एक शिक्षित मंत्री दी है। क्या यह मंत्री जी खुद से अपना मंत्रालय अच्छे से संभाल पाएंगी? वहीं, खुर्शीद अंसारी ‍ने लिखा- एक शिक्षक ने इतना ही कहा था कि 'पढ़े लिखे को वोट देना'। तो उस बेचारे शिक्षक की नौकरी चली गई थी। एक अन्य ने लिखा कि व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। 
 
नवीन बंसल ने लिखा - शैक्षणिक स्तर पर क्यों? बड़ी सफाई से आप हमें बचा गए। किसी 'स्तर' पर सवाल हो ही नहीं सकता, वो थोड़ी कुछ होता है, वो तो सामूहिक विवरण/आंकडा भर हैं बस, जो ठीक ठाक है। सवाल हैं इनको बनाने वालों पर (जो कि हम हैं), बनने के बाद, सवाल हैं इनको ऐसे पदों पर बिठाने वालों पर (जो कि शीर्ष नेतृत्व है)। इनका क्या ये तो हर शिक्षा से जुड़े हुए मंत्री का हाल है। पंकज मिश्रा ने लिखा- इन्हें भी मोदी जी से हवा में लिखने की ट्रेनिंग ले लेनी थी।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 

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