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Revised Criminal Law Bills : गृहमंत्री अमित शाह बोले- आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूलचूल बदलाव किया जा रहा...

हमें फॉलो करें Amit Shah
नई दिल्ली , बुधवार, 20 दिसंबर 2023 (17:00 IST)
Amit Shah's statement regarding criminal laws : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि 3 आपराधिक कानूनों के स्थानों पर लाए गए विधेयक गुलामी की मानसिकता को मिटाने और औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति दिलाने की नरेन्द्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं।
 
शाह ने भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा कि ‘व्यक्ति की स्वतंत्रंता, मानव के अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार’ रूपी तीन सिद्धांत के आधार पर ये प्रस्तावित कानून लाए गए हैं।
 
उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कांग्रेस पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि ‘अगर मन इटली का है तो ये कानून कभी समझ नहीं आएगा, लेकिन अगर मन यहां का है तो समझ आ जाएगा। गृहमंत्री का कहना था कि आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूलचूल बदलाव किया जा रहा है जो भारत की जनता का हित करने वाले हैं।
 
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने गुलामी की मानसिकता को मिटाने की दिशा में काम किया है, प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि औपनिवेशिक कानून से मुक्ति मिलनी चाहिए और इसी के तहत गृह मंत्रालय ने कानूनों को बदलने के बारे में काम करना आरंभ किया।
 
आपराधिक कानूनों को गुलामी की मानसिकता से मुक्त कराया : शाह ने कहा कि इन विधेयकों के माध्यम से सरकार ने तीनों आपराधिक कानूनों को गुलामी की मानसिकता से मुक्त कराया है। उनका कहना था, पहले के कानूनों के तहत ब्रिटिश राज की सलामती प्राथमिकता थी, अब मानव सुरक्षा, देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।
 
शाह ने कहा, इस ऐतिहासिक सदन में करीब 150 साल पुराने तीन कानून, जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है, उन तीनों कानूनों में पहली बार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूलचूल परिवर्तन लेकर मैं आया हूं। उन्होंने कहा, आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद की व्याख्या करने जा रही है।
 
मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान : उन्होंने कहा कि सरकार राजद्रोह को देशद्रोह में बदलने जा रही है। गृहमंत्री ने सदन में कहा कि ‘मॉब लिंचिंग’ घृणित अपराध है और इस कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आपने भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया, लेकिन सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए।
 
तीनों कानूनों का  होगा  मानवीकरण : शाह के मुताबिक, आजादी के बाद पहली बार अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों कानूनों का मानवीकरण होगा। गृहमंत्री शाह ने लोकसभा में यह भी कहा कि नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों को प्रभावित करने वाले कानूनों को प्राथमिकता दी गई है, उसके बाद मानव अधिकारों से जुड़े कानूनों और देश की सुरक्षा से संबंधित कानूनों को प्राथमिकता दी गई है।
 
उन्होंने कहा, मैंने तीनों विधेयकों को गहनता से पढ़ा है और इन्हें बनाने से पहले 158 परामर्श सत्रों में भाग लिया है। शाह ने कहा कि लंबे समय बाद देश की जनता ने एक ऐसी सरकार चुनी है, जिसने अपने घोषणा पत्र में किए वादों को अक्षरश: लागू किया है।
 
उन्होंने कहा, हमने अनुच्छेद 370 हटाने का वादा किया था, हट गई, हमने कहा था कि राम मंदिर बनाएंगे, 22 जनवरी को वहां रामलला विराजमान होंगे। हमने कहा था कि महिलाओं को आरक्षण देंगे, हमने आरक्षण दिया। मुस्लिम माताओं-बहनों को न्याय दिलाने के लिए तीन तलाक को खत्म किया गया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

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