Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

UN General Assembly ने अपनाया बहुभाषावाद का प्रस्ताव, अब हिंदी में भी जारी होंगी UN की सूचनाएं

हमें फॉलो करें UN General Assembly ने अपनाया बहुभाषावाद का प्रस्ताव, अब हिंदी में भी जारी होंगी UN की सूचनाएं
, सोमवार, 13 जून 2022 (15:23 IST)
न्यू यॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN General Assembly) ने भारत द्वारा प्रायोजित बहुभाषावाद का प्रस्ताव अपना लिया है। अब संयुक्त राष्ट्र संघ की सूचनाएं हिंदी और बांगला भाषा में भी जारी की जाएंगी। 
 
शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें यूएन द्वारा हिंदी और बांग्ला सहित आधिकारिक और गैर-आधिकारिक भाषाओं में महत्वपूर्ण संदेशों का प्रचार करने की बात कही गई।
 
भारत सहित 193 देशों की सहमति के बाद इस प्रस्ताव को अपनाया गया। इस प्रस्ताव में 'बहुभाषावाद को यूएन सचिवालय की गतिविधियों में शामिल करने' की दिशा में यूएन की जिम्मेदारियों को रेखांकित किया गया है।  
 
ये प्रस्ताव छह आधिकारिक भाषाओं - फ्रेंच, अंग्रेजी, रूसी, स्पेनिश, चाइनीज के अलावा सूचनाओं के प्रचार के लिए अन्य अनाधिकारिक भाषाओं के उपयोग के प्रयासों को रेखांकित करता है। प्रस्ताव में बहुभाषावाद को बढ़ावा देने हेतु इन छह आधिकारिक भाषाओं के अलावा हिंदी, उर्दू, बांग्ला, फारसी आदि भाषाओं में संयुक्त राष्ट्र महासचिवों के सन्देश तथा अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं के प्रचार करने पर जोर दिया गया है।   
 
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि पहली बार प्रस्ताव में हिंदी भाषा का उल्लेख किया गया। साथ ही साथ बांग्ला और उर्दू भाषा का उल्लेख भी पहली बार हुआ। हम यूएन के इस निर्णय का स्वागत करते हैं। 
 
तिरुमूर्ति ने कहा बहुभाषावाद के प्रस्ताव को अपनाने के लिए यूएन महासचिव की आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत 2018 से संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग के साथ साझेदारी कर रहा है। साथ ही साथ हिंदी भाषा में यूएन द्वारा प्रेषित समाचार और मल्टीमीडिया सामग्री को मुख्यधारा में लाने के लिए अतिरिक्त बजटीय योगदान भी प्रदान कर रहा है। 
 
बता दें कि इसके पहले भी कई अंतराष्ट्रीय सम्मेलनों में हिंदी भाषा को यूएन की आधिकारिक भाषा बनाने की मांग उठ चुकी है। यूएन के कामकाज में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा 8 लाख अमेरिकी डॉलर की सहयोग राशि भी दी गई थी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ईडी के बहाने कांग्रेस राहुल को दिखा रही अपनी 'एकजुटता'