Ujjain Rape Case : उज्जैन के महाकाल थाना क्षेत्र में एक 12 साल की बच्ची दुष्कर्म के बाद लगभग अर्धनग्न अवस्था में बदहाल होकर सड़कों पर भटकती रही, लेकिन उज्जैन की सुस्त पुलिस के किसी जवान को यह बच्ची नजर नहीं आई। न ही धार्मिक नगरी उज्जैन की जनता ने ही बच्ची पर नजर डाली और उसकी परवाह की।
घायल अवस्था में खून से लथपथ दुष्कर्म पीडित बच्ची उज्जैन की कई गलियों से गुजरी। अंत में उज्जैन के आश्रम में रहने वाले एक आचार्य राहुल शर्मा ने बच्ची की सुध ली और उसे अस्पताल पहुंचाया, अगर पंडित राहुल शर्मा नहीं होते तो अब तक तो बच्ची की जान भी जा सकती थी। जानते हैं कौन हैं पंडित राहुल शर्मा जो बच्ची के लिए बन गए फरिश्ता।
आचार्य राहुल शर्मा ने बच्ची को पहुंचाया पुलिस के पास : इस बच्ची को पुलिस के पास राहुल शर्मा ने पहुंचाया था। वे दंडी सेवा आश्रम, बड़ा नगर उज्जैन स्थित एक गुरुकुल में आचार्य हैं। बच्चों को वेद और शास्त्रों की शिक्षा देते हैं। आचार्य शर्मा ने बताया कि वे किसी काम से गुरुकुल से बाहर निकले थे। इसी दौरान उन्होंने एक बदहवास लड़की को पैदल जाते हुए देखा। वह अर्धनग्न थी। उसकी कमर के नीचे वस्त्र नहीं थे। आचार्य राहुल शर्मा ने सबसे पहले अपने गमछे से उसका शरीर ढका और उसे हिम्मत बंधाई। जब उसे भरोसा हो गया तो उसके बारे में पूछताछ की। लेकिन वो कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं थी, न ही बोल पा रही थी।
आश्रम में खाना खिलाया : आचार्य राहुल शर्मा ने बताया कि जब बच्ची खुद को सुरक्षित महसूस करने लगी तब उन्हें उसे आश्रम में खाना खिलाया। इस दौरान उन्होंने पीड़िता से कई बार उसके निवास, माता-पिता आदि के बारे में जानना चाहा। लेकिन बच्ची ठीक से कुछ बता नहीं पा रही थी। उन्होंने एक पेन-डायरी ले कर बच्ची से सब कुछ लिखने के लिए कहा। बच्ची यह भी नहीं कर पाई। आखिरकार आचार्य शर्मा ने पुलिस को बुलाने के लिए 100 नंबर पर कॉल किया पर फोन काट दिया गया। इसके बाद उन्होंने महाकाल मंदिर के प्रशासनिक अधिकारियों से सम्पर्क किया, जहां से घटना की सूचना स्थानीय थाने को दी गई। पुलिस ने पहुंच कर बच्ची को अपने कब्ज़े में लिया।
नहीं मिला डायल 100 से कोई जवाब : राहुल शर्मा ने बताया कि तीन-तीन बार उज्जैन पुलिस के 100 नंबर पर डायल किया जाता है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। उन्होंने महाकाल थाने पर अपने कुछ पहचान वाले लोगों से संपर्क किया, जिसके करीब 25-30 मिनट बाद पुलिस वहां पहुंची और बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, अगर बच्ची को अस्पताल भेजने में और देर होती तो बच्ची सड़क पर ही मर सकती थी।
पीड़ित ने बताई आपबीती : घटना के बाद पीड़ित बच्ची ने अपनी आपबीती बताई। उसने बताया कि वो सतना के एक गांव से कुछ ही दिनों पहले भागकर आई थी। उसने बताया कि वो बेहतर जिंदगी की तलाश में उज्जैन पहुंची थी। लेकिन रविवार की शाम को एक ऑटो ड्राइवर ने उसके साथ रेप किया, जिसके बाद वो बेहोश हो गई। सोमवार की सुबह जब उसे होश आया तो वो चलने की हालत में नहीं थी, जैसे तैसे चली तो कोई भी उसकी मदद के लिए तैयार नहीं था। करीब 3 घंटों के बाद आश्रम के आचार्य पंडित राहुल शर्मा ने उसकी मदद की।
क्या है पूरा मामला : मध्यप्रदेश के उज्जैन में 12 साल की बच्ची खून से लथपथ सड़क पर मिली थी। लड़की करीब ढाई घंटे तक यहां वहां भटकती रही। उसके कपडों से खून टपक रहा था। बाद में उसे लोगों की मदद से अस्पताल ले जाया गया। मेडिकल जांच में उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। दरिंदों ने उसके साथ इस कदर हैवानियत की है कि उसके प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोटें आई हैं। इसके बाद उसे उज्जैन से इंदौर इलाज के लिए रैफर किया गया था। इस मामले में जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। इसके बाद अब तक आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।
Edited by navin rangiyal