Uddhav Thackeray's big statement on Badlapur case : शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों और बदलापुर में 2 बच्चियों के यौन उत्पीड़न को लेकर शनिवार को कहा कि यह दुख की बात है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय महाराष्ट्र सरकार उनके साथ खड़ी है।
ठाकरे ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों और बदलापुर में 2 बच्चियों के कथित यौन उत्पीड़न को लेकर एक प्रदर्शन के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महायुति सरकार को हटाना जरूरी है।
ठाकरे ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह दुख की बात है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय वह उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने मौजूदा सरकार जितनी बेशर्म सरकार कभी नहीं देखी। महायुति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का गठबंधन है।
ठाकरे ने शिंदे पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि कंस मामा (महाभारत के एक पात्र का संदर्भ) अपनी कलाइयों पर राखी बंधवाने में व्यस्त हैं। उन्होंने सवाल किया कि शिंदे अपनी भतीजियों को न्याय कब दिलाएंगे। बदलापुर घटना के विरोध में ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मि और उनके बेटे एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ने काला रिबन और मुंह पर काली पट्टी बांधकर दादर इलाके में शिवसेना भवन पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन किया। पार्टी ने राज्य के कई अन्य हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन किया।
ठाणे जिले के बदलापुर स्थित एक स्कूल में एक पुरुष सहायक ने 4 साल की 2 बच्चियों का कथित यौन उत्पीड़न किया था जिसके विरोध में मंगलवार को वहां बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ था। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी (एमवीए) ने बच्चियों के कथित यौन उत्पीड़न के विरोध में 24 अगस्त को पूरे राज्य में बंद का आह्वान किया था।
हालांकि बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राजनीतिक दलों या व्यक्तियों को 24 अगस्त या आगे की किसी तारीख पर प्रस्तावित महाराष्ट्र बंद का आह्वान करने से रोक दिया था। ठाकरे ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से बहन सुरक्षित तो घर सुरक्षित नारे के साथ हस्ताक्षर अभियान चलाने के लिए कहा कि जिसे बाद में बंबई उच्च न्यायालय में पेश किया जाएगा। ठाकरे ने कहा कि अदालत ने हमारा बंद रोक दिया, लेकिन हमारी आवाज नहीं दबाई जा सकती।
उन्होंने कहा कि सरकार ने एमवीए द्वारा बुलाए गए बंद को रोकने के लिए अपने मित्रों को अदालत भेजा। ठाकरे ने कहा कि जब सभी दरवाजे बंद हो जाते हैं, तो लोगों के पास सड़कों पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। ठाकरे ने यह भी मांग की कि महाराष्ट्र विधानमंडल द्वारा पारित शक्ति विधेयक, जो केंद्र के पास लंबित है, उसे राष्ट्रपति की मंजूरी दी जाए ताकि इसे राज्य में लागू किया जा सके।(भाषा)
Edited by: Chetan Gour