नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कुछ आदेशों के खिलाफ ट्विटर (Twitter) कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) पहुंच गया है।
कंपनी ने कंटेंट को लेकर सरकार के कुछ आदेशों को वापस लेने की मांग उठाई है। खबरों के मुताबिक ट्विटर ने अधिकारियों की ओर से सत्ता का दुरुपयोग बताते हुए कानूनी तौर पर चुनौती दी है।
सोमवार को सूत्रों ने बताया कि ट्विटर ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय द्वारा 27 जून को जारी अंतिम नोटिस का अनुपालन पूरा कर लिया है। मंत्रालय ने ट्विटर के लिए इसकी समय-सीमा 4 जुलाई तय की थी।
भारत सरकार ने ट्विटर को उन अकाउंट्स के खिलाफ एक्शन लेने को कहा है जो खालिस्तान समर्थक हैं। सरकार ने उन पोस्ट्स पर भी कार्रवाई करने को कहा है जिन्होंने किसानों के विरोध-प्रदर्शन से जुड़ी गुमराह करने वाली और झूठी सूचनाएं फैला रहे थे। इसके अलावा कोरोनावायरस महामारी से निपटने को लेकर सरकार की आलोचना करने वाले कुछ ट्वीट्स पर भी कार्रवाई करने को कहा गया है।
केंद्र सरकार ने पहले ही कहा था कि ट्विटर समेत बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों ने कंटेंट हटाने के अनुरोध पर कार्रवाई नहीं की है। पिछले महीने आईटी मिनिस्ट्री ने ट्विटर को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह कुछ आदेशों का पालन नहीं करती है तो उसके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। ट्विटर ने न्यायिक समीक्षा की मांग करते हुए दलील दी है कि कुछ रिमूवल ऑर्डर भारत के आईटी ऐक्ट के प्रावधानों पर खरे नहीं उतरते हैं।