नई दिल्ली। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) ने लद्दाख (Ladakh) को चीन (China) का हिस्सा दिखाए जाने की गलती मान ली है।
डेटा सुरक्षा बिल पर संसदीय समिति की अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी (Meenakshi lekhi) ने इस बात की जानकारी बुधवार को दी है। कुछ दिनों पहले ट्विटर इंडिया ने लद्दाख को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का हिस्सा बता दिया था। बीती 28 अक्टूबर को इस मामले ट्विटर की तरफ से मिले जवाब से संसदीय समिति संतुष्ट नहीं थी। इसे लेकर प्लेटफॉर्म के अधिकारी समिति के सामने पेश हुए थे।
खबरों के मुताबिक सांसद मीनाक्षी लेखी ने बताया कि हमें ट्विटर की तरफ से हलफनामा मिल गया है। हलफनामे में उन्होंने लद्दाख के हिस्से को गलत जियोटैग करने और इसे चीन (China) का हिस्सा दिखाए जाने की गलती मान ली है। लेखी ने कहा कि ट्विटर ने इस गलती को 30 नवंबर तक ठीक करने की बात कही है। ट्विटर ने मानचित्र में लद्दाख को चीन में दिखाने के लिए लिखित माफी मांगी है।
लेखी ने कहा कि ट्विटर ने भारतीय भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफी मांगी है और 30 नवंबर, 2020 तक गलती सुधारने की प्रतिबद्धता जताई है।
भारत के नक्शे के भौगोलिक क्षेत्र को गलत दिखाने के लिए ट्विटर इंक के मुख्य निजता अधिकारी डेमियन कैरियन के हस्ताक्षर वाला शपथ-पत्र दिया गया है।
भारत सरकार ने देश का गलत मानचित्र दिखाने को लेकर ट्विटर को सख्त चेतावनी दी थी। सरकार ने कहा था कि देश की संप्रभुता और अखंडता का अनादर करने का ट्विटर का हर प्रयास अस्वीकार्य है।
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के सचिव अजय साहनी ने इस बारे में ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जैक डोर्सी को कड़े शब्दों में एक पत्र लिखा। साहनी ने कहा कि इस तरह का कोई भी प्रयास न सिर्फ ट्विटर की प्रतिष्ठा को कम करता है, बल्कि यह एक माध्यम होने के नाते ट्विटर की निष्पक्षता को भी संदिग्ध बनाता है।
उस वक्त ट्विटर ने कहा था कि यह एक तकनीकी मुद्दा था और तत्काल दूर कर लिया गया था। माना जाता है कि अब उसने संसदीय समिति के समक्ष पेश हलफनामे में कहा है कि सॉफ्टवेयर में दिक्कत के कारण यह मामला हुआ था।
उसने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों के दौरान हमने जियो-टैग के मुद्दे को इस तरह से हल करने की दिशा में काम किया है कि लेह एवं लद्दाख के दूसरे सभी शहरों को उनके संबंणित नाम के साथ ही दर्शाया जाए।
ट्विटर के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के कई दूसरे शहरों के लिए जियो-टैग की भी समीक्षा की जा रही है और आगामी 30 नवंबर तक यह काम पूरा करने का लक्ष्य है।