नई दिल्ली। ट्रक मालिकों तथा सरकार के बीच बनी सहमति के बाद देशभर से पिछले 8 दिन से चल रही ट्रकों की हड़ताल शुक्रवार रात तत्काल प्रभाव से समाप्त हो गई। ट्रकों की हड़ताल के कारण अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंच रहा है और लगभग 50 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।
ट्रक मालिकों के संगठन ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस के अध्यक्ष कुलतरन सिंह अटवाल ने सड़क परिवहन मंत्रालय में सचिव युद्धवीरसिंह मलिक की मौजूदगी में ट्रक हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की। इससे पहले दोनों पक्षों के बीच हड़ताल समाप्त करने को लेकर कई दौर की बातचीत हुई।
हड़ताल समाप्त होने की घोषणा के तत्काल बाद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि सरकार ट्रांसपोर्टरों की मांगों के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने लिखा कि ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस का हड़ताल समाप्त करने का निर्णय सराहनीय है। उन्होंने सरकार की अपील को मानते हुए अपनी हड़ताल वापस ली है। सरकार ट्रांसपोर्टरों की मांग को लेकर संवेदनशील है। कई मांगें हमने पहले ही मान ली थीं, शेष मांगों पर विचार-विमर्श के लिए हमने उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी है।
मलिक ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हड़ताली ट्रांसपोर्टरों की समस्या को सरकार समझती है और उन्हें राहत देने के लिए हरसंभव कोशिश की जाएगी। भविष्य में इस तरह की स्थिति नहीं आए और पहले ही समस्या का समाधान निकाला जा सके इसके लिए एक समिति काम करेगी जिसमें मंत्रालय के अधिकारी तथा ट्रांसपोर्टरों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
अटवाल ने कहा कि ट्रक मालिकों की मांगों में से ज्यादा को मान लिया गया है। इनमें सबसे बड़ी समस्या टोल प्लाजा पर ट्रकों की आवाजाही को लेकर थी और उसे सुलझाने में सरकार सहमत हो गई है। ट्रकों की फिटनेस सर्टिफिकेट की अवधि को भी बढाकर 2 साल किया जाएगा। मालवाहक वाहनों के नेशनल परमिट के लिए नियमों को सरल बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अन्य कई मांगों पर सरकार के साथ विचार-विमर्श हुआ है और वह ट्रक मालिकों की ज्यादातर मांग मानने पर सहमत है इसलिए ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने हड़ताल समाप्त करने का फैसला किया है। वाणिज्य एवं उद्योग संगठन एसोचेम ने शुक्रवार को कहा था कि ट्रकों की हड़ताल के कारण अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंच रहा है और लगभग 50 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। (वार्ता)