नई दिल्ली भारतीय रेलवे ने खानपान सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार एवं शिकायतों को कम करने के लिए बड़ा बदलाव किया है। राजधानी, शताब्दी और दूरंतो गाड़ियों में हवाई जहाज की तर्ज पर ट्रॉली की व्यवस्था की लागू की जाएगी। गाड़ियों में परोसे जाने वाले मैन्यू में भी सुधार किया जाएगा। खाने के साथ सैनिटाइज़र भी उपलब्ध कराया जाएगा।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने कहा कि जुलाई से रेलयात्रियों को खानपान सेवाओं में आमूलचूल बदलाव दिखाई देगा और खराब गुणवत्ता सहित कई शिकायतों पर काफी हद तक लगाम लग जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) देश भर में 68 अत्याधुनिक बेस किचन बना रही है जिनमें से 16 किचन बन कर तैयार हो गई हैं। सभी किचन दिसंबर 2019 में बन कर तैयार हो जाएंगीं।
क्या होगा अत्याधुनिक किचन में खास : उन्होंने कहा कि एक किचेन बनाने में करीब ढाई करोड़ रुपए की लागत आई है। इनमें खाना पकाने वाले उपकरण लगाए गए हैं जिससे कोई भी खाद्य पदार्थ मानव के संपर्क में आए बिना ही एकदम शुद्ध अवस्था में पैक किया जा सकेगा। बेस किचेन की सीसीटीवी कैमरों की मदद से निगरानी की जाएगी कि खाना किस प्रकार से बनाया जा रहा है। शाकाहारी एवं मांसाहारी भोजन अलग अलग बनाने की व्यवस्था होगी।
राजधानी, शताब्दी में आईआरसीटीसी मैनेजर : उन्होंने कहा कि इसके अलावा देश में 64 राजधानी, शताब्दी एवं दूरंतो एक्सप्रेस गाड़ियों में खाने की आपूर्ति एवं गुणवत्ता की जांच के लिए आईआरसीटीसी के मैनेजरों की तैनाती की जाएगी। थर्ड पार्टी ऑडिटर की व्यवस्था लागू हो चुकी है तथा इसके बाद आईआरसीटीसी के सुपरवाइजरों को भी भोजन की गुणवत्ता और परोसे जाने की सेवा के आकस्मिक निरीक्षण करने एवं दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई के अधिकार दिए जाएंगे।
मैन्यू में भी सुधार : लोहानी ने कहा कि गाड़ियों में परोसे जाने वाले मैन्यू में भी सुधार किया जाएगा। उसके व्यंजनों को इस प्रकार से समायोजित किया जाएगा जिससे वह जल्दी खराब ना हो। इसके अलावा उसे आसानी से लाया ले जाया सके। उन्होंने कहा कि राजधानी, शताब्दी और दूरंतो गाड़ियों में हवाई जहाज की तर्ज पर ट्रॉली की व्यवस्था की लागू की जाएगी। खाने के साथ सैनिटाइज़र भी उपलब्ध कराया जाएगा। उनका कहना है कि कम दूरी के यात्रियों के लिए कम खाना दिया जाना चाहिए जबकि राजधानी दूरंतो आदि लंबी दूरी की गाड़ियों के यात्रियों के लिए अलग से भोजन होना चाहिए।
सभी कैटरिंग स्टॉफ के लिए नई वर्दी तैयार कराई जा रही है और एक जुलाई से वे उसी वर्दी में नज़र आएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि सभी गाड़ियों में उनके आरंभ होने के स्थान पर पेंट्री कार की पूर्ण धुलाई किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
कम होंगे शौचालय, बनेगी मिनी पेंट्रीकार : गाड़ियों में शौचालय के आसपास खाना रखे जाने की समस्या का उल्लेख किए जाने पर उन्होंने कहा कि गरीबरथ एक्सप्रेस गाड़ियों में प्रायोगिक रूप से किसी एक कोच में एक तरफ का एक शौचालय हटा दिया जाएगा और उसके स्थान पर मिनी पेंट्रीकार बनाई जाएगी। वहीं से सारा सामान लेकर वेंडर गाड़ी में अलग अलग कोचों में पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोच निर्माण कारखानों को भी नए कोचों में पेंट्री स्पेस की नई डिजायन ईजाद करने को कहा गया है। (वार्ता)