ऑस्टियोआर्थराइटिस मुख्यतः जोड़ों की हड्डियों के बीच रहने वाली आर्टिकुलर कार्टिलेज टूटने से होता है। कार्टिलेज नष्ट होने से, मूवमेंट के वक़्त जोड़ों की हड्डियां एक-दूसरे से टकराने लगती हैं। हड्डियां आपस में घिसने लगती हैं, जिससे दर्द, सूजन और जकड़न हो जाती है, जिससे दैनिक गतिविधियों पर भी असर पड़ता है।
डॉ. मितेन सेठ बताते हैं कि यूं तो ऑस्टियोआर्थराइटिस का कोई पूर्ण उपचार संभव नहीं है, परंतु अनेक विकल्प उपचारों द्वारा दर्द कम करने और जकड़न को रोका जा सकता है। यदि ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या जोड़ों में गंभीर दर्द का कारण बन जाए तो आंशिक सर्जरी (partial) तथा घुटना बदलाव (total knee replacement) का विकल्प दिया जाता है।
यदि यह सर्जरी सबसे अच्छा विकल्प माना जा रहा है, तो आपको यह जानकर खुशी होगी कि NAVIO-CORI रोबोटिक सर्जरी प्लेटफॉर्म (स्मिथ एंड नेफ्यू, यूके) आज के सदी की सर्वोत्तम उपलब्धि है। रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट में तेजी से रिकवरी, बेहतर महसूस करने और लंबे समय तक चलने की क्षमता है।
आंशिक नी रिप्लेसमेंट (partial knee replacement) : जहां घुटने के केवल प्रभावित अंग को काटकर नए इम्प्लान्ट्स लगा दिए जाते हैं। जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों को दर्द राहत मिलती हैं। पूर्ण घुटना बदलाव (टोटल नी रिप्लेसमेंट) की सर्जरी में पूरा घुटना इम्प्लांट किया जाता है, आमतौर पर यह सर्जरी जोड़ों के पास आने वाले हड्डियों को प्रभावित करने वाले उन्नत ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए आरक्षित होता है।
जोडों के सर्जिकल उपचार के तीन चरण हैं-
1. घुटने के प्रभावित हिस्से के ऊपर की त्वचा और कोमल ऊतकों को काट दिया जाता है। हड्डी की सतहों तक पहुंच प्राप्त करने के लिए मांसपेशियों को वापस लाया जाता है।
2. फीमर (जांघ की हड्डी) और टिबिया (पिंडली की हड्डी) में हुए क्षतिग्रस्त कोटिंग को मैन्युअल रूप से या रोबोट की सहायता से हटा दिया जाता है।
3. फीमर और टिबिया सतहों को फिर से बनाने के लिए हटाए गए कार्टिलेज कोटिंग और हड्डी को धातु के घटकों से बदल दिया जाता है। इन धातु भागों को जगह-जगह सीमेंट किया जाता है।
इसमें डॉक्टर पारंपरिक शल्य चिकित्सक उपकरणों के साथ सर्जरी करते हैं तथा यह उपकरण कंप्यूटर (कंप्यूटर असिस्टेड - नेविगेटेड सर्जरी) से संपादित किए जा सकें। NAVIO-CORI रोबोटिक्स प्लेटफॉर्म = रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट द्वारा किया जा सकता है।
बेहतर मूल्यांकन और सटीकता की बदौलत ऊतकों की क्षति कम हो जाती हैंl इस विकल्प से सुसंगत और संबंधित तकनीकी दोहराने से अधिकतम समस्या का निवारण सुनिश्चित हो सकता है, जिससे जोड़ों के दर्द से प्राकृतिक रूप से राहत मिलने की योजनाए बनाई जा सकती हैं। इससे आप के घुटने तेजी से ठीक हो सकते हैं और आप बेहतर महसूस कर सकते हैं और लंबे समय तक चल सकते हैं।