भारत में समुद्री तूफान तितली ने जमकर तबाही मचाई। चक्रवाती तूफान के खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार ने पांच तटीय जिलों के निचले क्षेत्रों से तीन लाख से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। विस्थापितों के लिए कुल 1,112 राहत शिविर खोले गए हैं। आंध्रप्रदेश में तूफान की वजह से आठ लोगों की मौत हो गई।
भारत में तबाही मचाने वाले इस भयावह तूफान का पाकिस्तान से भी कनेक्शन है। पाकिस्तान ने इस तूफान को तितली नाम दिया है।
8 देशों द्वारा दिए गए 32 तूफानों की सूची में भारत द्वारा दिए गए नाम-लहर, मेघ, सागर और वायु हैं। बंगाल की खाड़ी से चले तूफान 'तितली' का नाम पाकिस्तान ने दिया है। पाकिस्तान की ओर से इससे पहले समुद्री तूफानों के नाम वरदा, फानूस, नरगिस, लैला और निलोफर रखे गए थे। इस हिसाब से वरदा के बाद वाले तूफानों के नाम तितली और बुलबुल हैं।
यह सवाल भी उठ रहा है कि आखिर इतने भयंकर और तबाही मचाने वाले तूफान का नाम 'तितली' क्यों रखा गया है। 'तितली' तो हमेशा लोगों को खुशी और प्रेम का संदेश देती है, ऐसे में विनाशकारी तूफान का नाम 'तितली' क्यों पड़ा, ये किसी के समझ में नहीं आ रहा है।
दरअसल प्रत्येक चक्रवात का नाम उस देश का मौसम विभाग तय करता है, जहां से चक्रवात उठता है। अगर कोई भी चक्रवातीय तूफान अटलांटिक महासागर के क्षेत्र में आता है तो इसे 'हरिकेन' कहते हैं, अगर तूफान प्रशांत महासागर के क्षेत्र में आए तो इसे 'टाइफून' और अगर चक्रवातीय तूफान हिंद महासागर के क्षेत्र में आता है तो इसे 'साइक्लोन' कहा जाता है।
दरअसल, प्रत्येक चक्रवात का नाम उस देश का मौसम विभाग तय करता है, जहां से चक्रवात उठता है।