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तीन तलाक विधेयक में कांग्रेस दोहरा रही शाहबानो मामले वाली गलती : मुख्तार अब्बास नकवी

हमें फॉलो करें तीन तलाक विधेयक में कांग्रेस दोहरा रही शाहबानो मामले वाली गलती : मुख्तार अब्बास नकवी
नई दिल्ली , रविवार, 12 अगस्त 2018 (11:59 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि मोदी सरकार का विकास का मसौदा वोट का सौदा नहीं है और 'तीन तलाक' संबंधी विधेयक के पारित होने के मार्ग में रुकावट डालकर कांग्रेस पार्टी वही गलती दोहरा रही है, जो उसने वर्ष 1985 में शाह बानो मामले में की थी। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी ने खास बातचीत में कहा कि 'तीन तलाक' एक कुरीति और कुप्रथा है और इसे धार्मिक एवं राजनीतिक नजरिए से देखना ठीक नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि 'तीन तलाक' संबंधी विधेयक में मुस्लिम महिलाओं को सामाजिक न्याय दिलाने और संवैधानिक अधिकारों को मजबूत बनाने की पहल की गई है। लेकिन कांग्रेस पार्टी एवं उनके कुछ साथी दल इस विधेयक को लेकर बहानेबाजी कर रहे हैं और शुरू से ही इस विधेयक को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
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उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी की पृष्ठभूमि कुछ कट्टरपंथी निहित स्वार्थी तत्वों के सामने घुटने टेकने की वाली पार्टी की रही है। विपक्ष की आपत्तियों पर नकवी ने कहा कि दुरुपयोग तो किसी भी चीज का कोई भी कर सकता है। धारा 302 का भी गलत इस्तेमाल हो सकता है। लेकिन इसकी वजह से हम कोई कानून न बनाएं, किसी के साथ न्याय की बात न करें, अन्याय होता रहे, ऐसा नहीं हो सकता।
 
उल्लेखनीय है कि 'तीन तलाक' संबंधी विधेयक बजट सत्र में लोकसभा में पारित हुआ था लेकिन राज्यसभा में यह पारित नहीं हो पाया था। सरकार ने हाल ही में इस विधेयक में संशोधन किया है जिसके तहत मुस्लिमों में 'तीन तलाक' से जुड़े प्रस्तावित कानून में आरोपी को सुनवाई से पहले जमानत जैसे कुछ संरक्षणात्मक प्रावधानों को शामिल किया गया है।
 
प्रस्तावित कानून गैरजमानती बना रहेगा लेकिन आरोपी जमानत मांगने के लिए सुनवाई से पहले भी मजिस्ट्रेट से गुहार लगा सकते हैं। गैरजमानती कानून के तहत जमानत पुलिस द्वारा थाने में नहीं दी जा सकती। हालांकि विधेयक का संशोधित प्रारूप राज्यसभा में मानसून सत्र में पेश नहीं हुआ।
 
यह पूछे जाने पर कि एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन औवैसी ने एससी-एसटी अत्याचार निवारण कानून में संशोधन की सरकार की पहल को शाहबानो प्रकरण से जोड़ा है, नकवी ने कहा कि हमारा विकास का मसौदा, वोट का सौदा नहीं है तथा हमारा प्रयास दलित एवं पिछड़े समाज, कमजोर तबके का सशक्तीकरण है जिन्हें आजादी के 7 दशक बाद भी तरक्की और विकास की जरूरत है।
 
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि इसलिए एससी-एसटी मामले में न्यायालय के फैसले को लेकर संशोधन विधेयक लाने का कदम बिलकुल सही है और यह सामाजिक न्याय के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नकवी ने कहा कि हमारी सरकार के विकास कार्यक्रम में सबसे अधिक प्राथमिकता गरीब, कमजोर और पिछड़ा वर्गों के साथ ऐसे लोगों पर है जिन तक विकास की रोशनी नहीं पहुंची है। (भाषा)

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