पिछले दिनों उत्तर भारत में कहर मचाने वाले तूफान से ताजमहल को बड़ा नुकसान हुआ है। एएसआई के सूत्रों के अनुसार ताज की दो मीनारों में कंपन हुआ। एक की खिड़की का पल्ला टूट गया। उल्लेखनीय है कि इसके पहले अप्रैल 2015 में आए भूकंप में भी इसे नुकसान नहीं हुआ था।
भूकंप की आशंका को देखते हुए ताज को ऐसे बनाया गया था कि मीनारें बाहर की ओर झुकी हैं, ताकि भूकंप से अगर कभी मीनार गिरे तो बाहर की ओर गिरे और गुंबद को नुकसान न हो।
भारतीय पुरातत्व के अधिकारियों ने बताया कि पहली बार कुदरती कहर से ताज के मुख्य ढांचे को नुकसान पहुंचा है। तूफान से मीनार के ऊपरी हिस्से की खिड़की उखड़ी। उनका कहना था कि दरअसल हवा का रुख मीनार की ओर था जिस वजह से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
गौरतलब है कि इसके पहले भी 12 अप्रैल हो आई तेज आंधी और भारी बारिश के चलते ताजमहल के दक्षिणी गेट के ऊपर बनी मीनार का कुछ हिस्सा टूटकर गिर गया है। खबरों के मुताबिक ताजमहल के एंट्री गेट के एक पिलर का हिस्सा गिर गया। 12 अप्रैल को भी आधी रात को तेज हवा के साथ भारी बारिश के कारण ताजमहल के दक्षिणी गेट पर स्थित पिलर गिर गया।
2 मई की रात को आए इस भयानक तूफान से न केवल ताजमहल बल्कि फतेहपुर सीकरी के एतिहासिक स्मारकों को भी खासा नुकसान हुआ है। फतेहपुर सीकरी में सलीम चिश्ती की दरगाह परिसर में बादशाही दरवाजे के बरामदे का छज्जा टूट गया। वहीं जनाना रोजा की दो बुर्जियों के छज्जे भी टूटे हैं।
स्थानीय मीडिया और अन्य सूत्रों के अनुसार रंग महल के ऊपरी हिस्से के पत्थर गिरे हैं। पर अभी तक एएसआई ने इस पर कोई अधिकारिक बयान नहीं दिया है।