सूरत में शुक्रवार को कोचिंग सेंटर में हुआ हादसा इतना दर्दनाक था कि छात्रों के परिजनों को अपने बच्चों के शवों को पहचानना मुश्किल हो रहा था। कोई पासपोर्ट फोटो तो कोई मोबाइल में फोटो लेकर आया था। बेहाल परिजन अपने बच्चों की फोटो लोगों को बताकर पहचान की कोशिश कर रहे थे।
खबरों के मुताबिक, कोचिंग सेंटर में हुए भयावह हादसे के बाद परिजनों को अपने बच्चों की पहचान करना मुश्किल हो रहा था। इस बीच किसी ने घड़ी से, तो किसी ने मोबाइल पर घंटी देकर शिनाख्त की तो कई परिजन घंटों भटकते रहे।
परिजनों ने 18 साल की जाह्नवी चतुरभाई वसोया और 17 साल की कृति नीलेश दयाल की पहचान उनकी घड़ियों से की। कुछ इसी तरह 18 साल की एशा खड़ेला की पहचान उनके पिता ने मोबाइल की घंटी से की जो मोर्चरी में रखे उनके शव से चिपका बज रहा था।
इस दर्दनाक हादसे का शिकार हुए 15 वर्षीय राम वाघाणी का कहना है, मैं मेंटली डेवलप क्लासेस में था तभी धुआं चारों ओर फैलने लगा तो मैं तुरंत तीसरी मंजिल पर गया, जहां से कूदने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं था, तो कूद गया और शुक्र है बच गया। कुछ इसी तरह हादसे के दौरान केतन ने दूसरी मंजिल पर जाकर नीचे उतरने की कोशिश कर रहे दो बच्चों की जान बचाई।
अहमदाबाद में सभी ट्यूशन कक्षाओं को बंद करने का आदेश : अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर एके सिंह ने शुक्रवार रात को शहर के सभी प्राइवेट कोचिंग क्लासेस को दो महीने के लिए 23 जुलाई तक बंद करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक ट्यूशन कक्षा चलाने वाले मालिक फायर सेफ्टी को लेकर NOCs जमा नहीं कर देते और आग से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं कर देते, तब तक उन्हें कोचिंग कक्षा शुरू करने की अनुमति नहीं मिलेगी।