Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

लॉकडाउन था फिर भी रोजाना 80 हत्याएं और 77 बलात्कार के मामले, राजस्थान और यूपी में सबसे अधिक मामले, NCRB के आंकड़े

हमें फॉलो करें लॉकडाउन था फिर भी रोजाना 80 हत्याएं और 77 बलात्कार के मामले, राजस्थान और यूपी में सबसे अधिक मामले, NCRB के आंकड़े
, बुधवार, 15 सितम्बर 2021 (21:49 IST)
नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी के कारण देश के कई राज्यों में लॉकडाउन लगा था, लेकिन अपराधों की संख्या में कोई कमी नहीं आई। एनसीआरबी के जारी आंकड़े यह दर्शाते हैं कि अपराधियों में पुलिस या कानून का कोई डर नहीं है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के बुधवार को जारी आंकड़ों अनुसार कोरोना महामारी से प्रभावित वर्ष 2020 के दौरान अपराध के मामलों में 2019 की तुलना में 28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार भारत में 2020 में प्रतिदिन औसतन 80 हत्याएं हुईं और कुल 29,193 लोगों का कत्ल किया गया। इस मामले में राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश अव्वल स्थान पर है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक पूरे देश में 2020 में बलात्कार के प्रतिदिन औसतन करीब 77 मामले दर्ज किए गए। पिछले साल दुष्कर्म के कुल 28,046 मामले दर्ज किए गए। देश में ऐसे सबसे अधिक मामले राजस्थान में और दूसरे नंबर पर उत्तरप्रदेश में दर्ज किए गए।

एनसीआरबी के मुताबिक वर्ष 2020 में दर्ज किए गए कुल अपराधों में काफी संख्या भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 के तहत लोक सेवकों द्वारा लागू व्यवस्था का उल्लंघन करने के खिलाफ दर्ज मामले शामिल हैं। ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 में कुल 66,01,285 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए जिसमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत 42,54,356 मामले और विशेष एवं स्थानीय कानून (एसएलएल) के तहत 23,46,929 मामले दर्ज किए गए।

28 की प्रतिशत की बढ़ोतरी : आईपीसी की धारा 188 के तहत के तहत लोकसेवकों द्वारा लागू व्यवस्था का उल्लंघन करने को लेकर वर्ष 2019 में 29,469 मामले दर्ज किए गए थे जो वर्ष 2020 में बढ़कर 6,12,179 हो गए। भारतीय दंड संहिता से जुड़े अन्य अपराधों के वर्ष 2019 में 2,52,268 मामले दर्ज किए गए थे, जो वर्ष 2020 में 10,62,399 हो गए।

एनसीआरबी के अनुसार, यह 2019 की तुलना में अपराध के मामले दर्ज किये को लेकर 28 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। वर्ष 2019 में 51,56,158 मामले दर्ज किये गए थे और साल 2020 में 14,45,127 मामले अधिक दर्ज किये गए। उल्लेखनीय है कि 25 मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक कोविड-19 महामारी के कारण देश में लॉकडाउन रहा था।

ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार भारत में 2020 में प्रतिदिन औसतन 80 हत्याएं हुईं और कुल 29,193 लोगों का कत्ल किया गया। इस मामले में राज्यों की सूची में उत्तर प्रदेश अव्वल स्थान पर है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले एनसीआरबी के आंकड़ें बताते हैं कि अपहरण के मामलों में 2019 की तुलना में 2020 में 19 प्रतिशत की कमी आई है। 2020 में अपहरण के 84,805 मामले दर्ज किए गए जबकि 2019 में 1,05,036 मामले दर्ज किए गए थे।

आंकड़ों के अनुसार 2020 में उत्तरप्रदेश में हत्या के 3779 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद बिहार में हत्या के 3,150, महाराष्ट्र में 2,163, मध्य प्रदेश में 2,101 और पश्चिम बंगाल में 1,948 मामले दर्ज किए गए। दिल्ली में 2020 में हत्या के 472 मामले दर्ज किए गए। पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी समेत पूरे भारत में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगाया गया था।

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल जिन लोगों की हत्या की गई थी उनमें से 38.5 प्रतिशत 30-45 वर्ष आयु समूह के थे जबकि 35.9 प्रतिशत 18-30 वर्ष आयु के समूह के थे। आंकड़े बताते हैं कि कत्ल किए गए लोगों में 16.4 फीसदी 45-60 वर्ष की आयु वर्ग के थे तथा चार प्रतिशत 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे जबकि शेष नाबालिग थे।

आंकड़ें बताते हैं कि 2020 में अपहरण के सबसे ज्यादा 12,913 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए। इसके बाद पश्चिम बंगाल में अपहरण के 9,309, महाराष्ट्र में 8,103, बिहार में 7,889, मध्य प्रदेश में 7,320 मामले दर्ज किए गए। आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में अपहरण के 4,062 मामले दर्ज किए गए हैं।

एनसीआरबी ने कहा कि देश में अपहरण के 84,805 मामलों में 88,590 पीड़ित थे। उसने बताया कि इनमें अधिकतर यानी 56,591 पीड़ित बच्चे थे। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, पूरे देश में 2020 में बलात्कार के प्रतिदिन औसतन करीब 77 मामले दर्ज किए गए।

पिछले साल दुष्कर्म के कुल 28,046 मामले दर्ज किए गए। देश में ऐसे सबसे अधिक मामले राजस्थान में और दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए। एनसीआरबी ने कहा कि पिछले साल पूरे देश में महिलाओं के विरूद्ध अपराध के कुल 3,71,503 मामले दर्ज किए गए जो 2019 में 4,05,326 थे और 2018 में 3,78,236 थे।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अयोध्या में मांस-मदिरा का सेवन करने वाले रामलीला करें यह बर्दाश्त नहीं