विदेशों में मौत की सजा पाए भारतीयों की संख्या 49, शहजादी को फरवरी में हुई थी फांसी

विदेश मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में बताया, इन 25 लोगों की सजा पर अभी अमल नहीं

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 20 मार्च 2025 (18:05 IST)
49 Indians sentenced to death in foreign countries : सरकार ने बृहस्पतिवार को संसद को बताया कि संयुक्त अरब अमीरात में मौत की सजा पाए भारतीय नागरिकों की संख्या 25 है, लेकिन अभी तक इस फैसले पर अमल नहीं हुआ है। विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि 15 फरवरी को यूपी के बांदा की रहने वाली शहजादी को अबू धाबी में फांसी दे दी गई थी। शहजादी को नवजात की मौत के लिए दोषी ठहराया गया था। 
 
विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या कई भारतीय विदेशों में वर्षों से जेलों में बंद हैं? साथ ही उन भारतीयों का विवरण भी पूछा गया है जो विदेशों में मौत की सजा का इंतजार कर रहे हैं और उनकी जान बचाने के लिए भारत सरकार द्वारा क्या प्रयास किए गए हैं। ALSO READ: भारत की शहजादी को यूएई में फांसी, इश्क, फरेब और आखिरी ख्वाहिश पूरी होने की कहानी
 
और क्या कहा सिंह ने : सिंह ने कहा कि मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्तमान में विदेशी जेलों में विचाराधीन कैदियों सहित भारतीय कैदियों की संख्या 10 हजार 152 है। मंत्री ने कहा कि सरकार विदेशी जेलों में बंद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण को उच्च प्राथमिकता देती है। ALSO READ: भारत की शहजादी खान को UAE में क्यों मिली फांसी, क्या था केस, छलका पिता का दर्द
 
8  देशों में हैं मौत की सजा पाए भारतीय : सिंह ने 8 देशों से संबंधित सारणीबद्ध आंकड़ा साझा किया, तथा उन भारतीय नागरिकों की संख्या भी बताई जिन्हें मृत्युदंड दिया गया है, लेकिन निर्णय अभी तक लागू नहीं हुआ है। आंकड़ों के अनुसार, यह संयुक्त अरब अमीरात में 25 भारतीय, सऊदी अरब में 11 भारतीय, मलेशिया में छह भारतीय, कुवैत में तीन भारतीय तथा इंडोनेशिया, कतर, अमेरिका और यमन में एक-एक भारतीय को मौत की सजा सुनाई गई है।
 
उन्होंने कहा कि विदेशों में भारतीय मिशन/पोस्ट भारतीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करते हैं, जिन्हें विदेशी न्यायालयों द्वारा मृत्युदंड सहित सजा सुनाई गई है। भारतीय मिशन/पोस्ट जेलों का दौरा करके काउंसलिंग की पहुंच भी प्रदान करते हैं तथा न्यायालयों, जेल, लोक अभियोजकों और अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ उनके मामलों का अनुसरण करते हैं। जेल में बंद भारतीय नागरिकों को अपील, दया याचिका आदि दायर करने सहित विभिन्न कानूनी उपायों की खोज करने में भी सहायता की जाती है। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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