ज्योतिष पारंपारिक एवं पूर्णत: विज्ञान पर आधारित विषय है। इसमें अंधविश्वास की कोई जगह नहीं है। जीवन में होने वाली घटनाएं घटेंगी तो जरूर, लेकिन ज्योतिष के मार्गदर्शन से उनका प्रभाव जरूर कम किया जा सकता है। भारत में ज्योतिष को लेकर कई नकारात्मक बातें भी प्रचलित हैं, लेकिन यह हजारों साल पुराना विषय है एवं यह पूर्णत: गणना पर आधारित विषय है।
ज्योतिष हजारों साल पुराना विषय : वेबदुनिया से बातचीत करते हुए डॉ. अविनाश शाह ने बताया कि वर्तमान समय में विज्ञान में जो ग्रहों से संबंधित खोज हो रही है, वह हजारों साल पहले ज्योतिष शास्त्र में हो चुकी है। विज्ञान एवं गणित विषय के संबंध में जो जानकारी आज उपलब्ध है, वह हजारों साल पहले ही ज्योतिष के माध्यम से हो चुकी है।
सौरमंडल मंडल में जितने ग्रह हैं, उपग्रह हैं उनके बारे में ज्योतिष शास्त्र में पहले ही उल्लेख किया जा चुका है। सभी ग्रहों के डेटा, फेक्ट्स एवं यंत्र की जानकारी ज्योतिष शास्त्र में दी गई है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का सिद्धांत है, जिसमें सारे ब्रह्मांड के ग्रहों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
घटनाओं का प्रभाव कम किया जा सकता है : ज्योतिष के माध्यम से हम भविष्य की तमाम अच्छी एवं बुरी घटनाओं के बारे में जान सकते है। इन्हें जानकर हम पाप ग्रहों के प्रभावों को उपायों के माध्यम से कम भी कर सकते हैं, लेकिन हम घटनाओं को घटने से रोक नहीं सकते। जो घटनाएं घटेंगी वे तो घटेंगी ही। हालांकि उनकी फ्रिक्वेंसी को कम किया जा सकता है। ज्योतिष काफी हद तक सत्यता के निकट है। यदि सही गणनाएं की जाएं तो काफी हद तक सही परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
ज्योतिष के माध्यम से जिन घटनाओं का पता लग जाता है, उनका उपचार करके उन घटनाओं से कुछ हद तक राहत पाई जा सकती है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी व्यक्ति को ज्यातिष के माध्यम से पता लगे कि उसका दुर्घटना में पैर टूटने वाला है तो ज्योतिष के माध्यम से बताए गए उपायों के अनुसार उसे पैर में मोच में बदला जा सकता है।
घटना के स्वरूप को बदल सकते हैं। उस घटना के घटने को लेकर व्यक्ति को पहले से ही सचेत कर माइंड सेट किया जा सकता है। किसी बड़ी दुर्घटना को छोटी घटना में परिवर्तित किया जा सकता है। किसी गंभीर घटना को सामान्य घटना में बदला जा सकता है।
भावी योजना : शाह कहते हैं कि लोगों में ज्योतिष के प्रति जो अंधविश्वास है उसे दूर करना चाहता हूं एवं इस विज्ञान को जन-जन तक वैज्ञानिक आस्था एवं विश्वास के साथ पहुंचाना चाहता हूं। ज्योतिष को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता लाना चाहता हूं, जिससे कि ज्योतिष शिक्षा को बढ़ावा मिले। डॉ. शाह ने बताया कि इस क्षेत्र में अध्ययन, रिसर्च एवं लोगों में इसके प्रति अंधविश्वास हटाने एवं सकारात्मकता लाने के लिए ही मैंने इसे करियर के रूप में चुना है।
शाह कहते हैं कि सरकार को भी ज्योतिष के विकास के लिए कार्य करना चाहिए। जिस प्रकार से अन्य विवि हैं, उसी प्रकार से ज्योतिष विश्वविद्यालय भी होने चाहिए। यदि ज्योतिष के क्षेत्र में हर प्रदेश में विवि खुलता है तो निष्चित रूप से इस क्षेत्र में लोगों का करियर बनेगा एवं ज्योतिष का उत्थान होगा। इससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे साथ ही ज्योतिष को लेकर अंधविश्वास भी दूर होगा। ज्योतिष को लोग छद्म विज्ञान मानते हैं, लेकिन यह पूर्णत: एक प्रेक्टिकल विषय है।
डॉ. शाह कहते हैं कि राजनीति हो या कूटनीति, मौसम विज्ञान हो विज्ञान अथवा अन्य कोई विषय सभी जगह ज्योतिष का उपयोग आवश्यकता के अनुसार देखने को मिलता है। ज्योतिष के माध्यम से रिसर्च कर विश्व की अनेक समस्याओं को कुछ हद तक सुलझाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि मैंने बचपन से ही अपने पिताजी पवन कुमार एरन जाहोता वाले को ज्योतिष संबंधी कार्यों में संलग्न देखा। इससे मेरी रुचि भी इस ओर बढ़ी। इसके कारण मैंने ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्र में पीएचडी की है। मेरे पिताजी ही मेरे गुरू एवं प्रेरणा पुरुष हैं। पिता पवन कुमार ने जाहोता गांव में वैदेही कांत मंदिर की स्थापना की। डॉ. शाह ने बताया कि ज्योतिष को प्रोत्साहन देने के लिए 2022 में वी शाह एस्ट्रो इन्स्टीट्यूट जयपुर की स्थापना की है।
डॉ. अविनाश शाह को ज्योतिष के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए अमेरिकन रिसर्च आर्गेनाइजेशन इंटरनेशनल एस्ट्रोलॉजी फेडरेशन की ओर से यूएस ग्लोबल एक्सीलेंस अवार्ड से 2022 में सम्मानित किया गया। इसके साथ ही मार्च 2022 में भी इंटरनेशनल फेडरेशन की ओर से वराहमिहिर तपोतिष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। शाह वर्तमान में फार्मा में पीएचडी भी कर रहे हैं। साथ ही श्री महर्षि कॉलेज ऑफ वैदिक एस्ट्रोलॉजी उदयपुर में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।