नई दिल्ली। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को मानने वाले अनुयायी पूरी दुनिया में हैं। भारत में भी उनको काफी माना जाता है। लेकिन हाल ही में वे एक बच्चे के होठों का चुम्बन लेने और उससे अपनी जीभ चूसने का कहने के कारण विवादों में आ गए हैं। चुंबन लेने का यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस घटना के बाद उनके पक्ष और विपक्ष में बहस चल रही है। वहीं दूसरी तरफ चुंबन लेने को तिब्बती परंपरा से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
दरअसल, एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दलाई लामा एक बच्चे के होठों को चूमते नजर आ रहे हैं। वीडियो में दलाई लामा अपनी जीभ बाहर निकालते हैं और वे बच्चे से पूछ रहे हैं कि क्या आप मेरी जीभ चूस सकते हैं? यह वीडियो जमकर वायरल होने लोगों ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
वीडियो वायरल होने के बाद दलाई लामा ने इस घटना पर माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि उनके शब्दों से यदि किसी को ठेस पहुंची है तो वे उस बच्चे और उसके परिजनों से माफी मांगते हैं। इसके बाद एक बहस चल रही है। कोई दलाई लामा का समर्थन कर रहा है तो कोई उनकी आलोचना कर रहा है। वहीं, कुछ लोग इस घटना को प्राचीन परंपरा से जोडकर देख रहे हैं। कुछ लोग पूछ रहे हैं कि क्या जीभ से जुड़ी कोई प्रथा है?
क्या है जीभ से जुड़ी कोई प्रथा है?
दलाई लामा का बचाव करने वाले कुछ लोगों का कहना है कि यह तिब्बती प्रथा है। जो किसी के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए की जाती है। हालांकि जब इससे जुड़ी रिपोर्ट्स देखी गईं तो मालूम हुआ कि प्रथा के मुताबिक, जीभ दिखाकर स्वागत किया जाता है। इसमें जीभ चूसने जैसी कोई बात नहीं है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, तिब्बत में किसी के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए जीभ दिखाने की प्रथा है। ये प्रथा यहां 9वीं सदी से चली आ रही है। ऐसा तभी से हो रहा है, जब लांग दर्मा नाम के राजा का शासन था। उसकी काले रंग की जीभ थी। इस राजा को लोग बिलकुल पसंद नहीं करते थे। तिब्बत के लोगों का मानना है कि राजा का पुनर्जन्म हुआ है। तो ये साबित करने के लिए कि वह पिछले जन्म में राजा नहीं थे, अपनी जीभ दिखाते हैं। हालांकि इस रिपोर्ट में या फिर किसी अन्य रिपोर्ट में जीभ चूसने वाली बात नहीं लिखी गई है।
Edited: By Navin Rangiyal