कश्मीर में 105 दिनों से कैद राजनीतिक बंदियों का मामला फिर गर्माया

सुरेश एस डुग्गर
मंगलवार, 19 नवंबर 2019 (00:31 IST)
जम्मू। पिछले करीब सवा 3 महीनों से संतूर होटल में कैद किए गए राजनीतिज्ञों, जिनमें पूर्व विधायक, मंत्री और कई आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं, को एमएलए होस्टल में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया के दौरान उनके साथ कथित तौर पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा की गई मारपीट के बाद सभी पक्ष आमने-सामने हैं। हालांकि पुलिस अधिकारी कहते हैं कि किसी के साथ मारपीट नहीं की गई है लेकिन इन बंदियों के सगे-सबंधी और पार्टी के अन्य नेता प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।

दरअसल संतूर होटल का बिल दिनोंदिन बढ़ता जा रहा था। ऐसे में प्रशासन ने इन कैदियों को विधायक आवास में बंद करने का फैसला किया। यह बात अलग है कि इन बंदियों को संतूर होटल के अधिकारियों ने करीब 2 घंटों तक उस समय रोके रखा जब करीब सवा 3 करोड़ के बिल का भुगतान प्रशासन द्वारा नहीं किया गया था। बाद में उपायुक्त द्वारा लिखित आश्वासन देने के उपरांत संतूर के अधिकारियों ने कैदियों को जाने दिया था।

लेकिन इसी कार्रवाई के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने कई राजनीतिज्ञों के साथ कथित तौर पर मारपीट की। मौके पर उपस्थित पुलिस अधिकारियों का कहना था कि राजनेता चेकिंग के दौरान सहयोग नहीं कर रहे थे जिस कारण थोड़ी-बहुत धक्का-मुक्की हुई थी, पर मारपीट से इंकार किया। लेकिन दूसरा पक्ष कहां मानने वाला है जिसने सोशल मीडिया पर भी मोर्चा खोल दिया है।

इस संबंध में महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि पुलिस ने शिफ्टिंग के वक्त नेताओं के साथ मारपीट की। इल्तिजा ने कहा कि सज्जाद लोन, शाह फैसल और वाहीद पारा के साथ बदसलूकी की गई। हालांकि पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया।

सज्जाद लोन की पार्टी का कहना है कि लोन को सिक्योरिटी चेकिंग के नाम पर पीटा गया, जबकि इल्तिजा ने कहा कि क्या इसी तरह आप चुने गए नेताओं के साथ बर्ताव करते हैं, उनकी बेइज्जती क्यों? यह वही वहीद पारा हैं, जिन्हें लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से तारीफ मिली थी। यह वही शाह फैसल हैं, जिन्होंने यूपीएससी टॉप किया था और जिन्हें कश्मीर का रोल मॉडल करार दिया जाता था। कभी इनकी सराहना की गई और अब इनकी बेइज्जती।

इल्तिजा ने आगे कहा कि सज्जाद लोन के साथ मारपीट की गई। उनकी नई जेल की खिड़कियां लकड़ी से बंद हैं। उन्हें हीटर नहीं दिए गए। अगर एक आदमी जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने अपना छोटा भाई बताया था, उसके साथ ऐसा व्यवहार हुआ, तो दूसरों की दुर्दशा का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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