श्रीनगर। उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा और कुपवाड़ा जिले में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ की दो घटनाओं में आज लश्करे तैयबा के एक विदेशी आतंकवादी समेत चार आतंकवादी मारे गए। इन मुठभेड़ों में तीन जवान शहीद हो गए और सात जवान तथा एक नागरिक घायल हो गया।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने सोमवार की शाम बांदीपोरा में तीन जवानों के शहीद होने और एक आतंकवादी के मारे जाने तथा कुपवाड़ा में तीन आतंकवादियों के ढेर होने की पुष्टि की है। सेनाधिकारियों ने माना है कि आतंकी और सैनिकों के अनुपात में जबरदस्त कमी आना चिंता का विषय बनता जा रहा है।
उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा जिले में आतंकवादियों व सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए, जबकि सुरक्षाबलों के तीन जवान शहीद हो गए। मंगलवार तड़के शुरू हुई गोलीबारी में सुरक्षाबलों के छह अन्य जवान और एक आम नागरिक जख्मी हो गया। सूरज की पहली किरण के साथ शुरू हुए तलाशी अभियान में आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों के जवानों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। जवानों की जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादी मारे गए जिसमें से एक की पहचान लश्करे तैयबा के शीर्ष कमांडर अबू हरिस के तौर पर की गई है। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सुबह हाजिन क्षेत्र के पार्रे मोहल्ला को घेर लिया।
उन्होंने बताया कि सुरक्षाबल आतंकियों के नजदीक पहुंच ही रहे थे कि मुठभेड़ शुरू हो गई। आतंकियों के साथ गोलीबारी में सुरक्षाबलों के नौ जवान जख्मी हो गए जिनमें से तीन की बाद में मौत हो गई। वहीं प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों की ओर से चलाए जा रहे तलाशी अभियान को बाधित करने का प्रयास किया जिन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसूगैस के गोले दागने पड़े और लाठीचार्ज भी करना पड़ा। सुरक्षाबलों ने जब क्षेत्र में छिपे हुए आतंकवादियों की तलाश में हाजन में अभियान चलाया, पार्रे मोहल्ला और आसपास के गांवों के निवासी विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आए।
प्रदर्शनकारियों को जब अभियान वाले क्षेत्र में घुसने से रोका गया, उन्होंने सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया। उन्हें रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने और पथराव करते रहे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसूगैस के गोले दागने पड़े। सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में अब तक दो आतंकवादी मारे गए हैं और नौ जवान घायल हुए हैं। घायलों में केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल के एक वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। एक आम नागरिक भी घायल हुआ है।
12 फरवरी को कुलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें दो जवान शहीद हुए थे। जवाबी कार्रवाई में सेना ने 4 आतंकियों को मार गिराया था। इसके पहले, 3 फरवरी को पुलवामा जिले से लश्कर-ए-तैयबा के एक स्थानीय आतंकवादी को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस अधिकारी के अनुसार, लश्कर के स्थानीय आतंकवादी मंजूर अहमद के पास से एक पिस्तौल, मैग्जीन और दो हथगोले बरामद किए गए थे।
याद रहे पिछले तीन दिनों में पांच सैनिकों की मौत हुई है। छह आतंकी भी मारे गए हैं। दोनों की मौतों के आंकड़े में कोई अधिक अंतर नहीं रह पाने के कारण सुरक्षाधिकारी चिंतित होने लगे हैं। अभी तक यह अनुपात बहुत ज्यादा था लेकिन अब अति प्रशिक्षित आतंकियों के इस ओर आ जाने के बाद मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों को जबरदस्त हानि उठानी पड़ रही है।