नई दिल्ली। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नौकरी के बदले जमीन संबंधी कथित घोटाले में पूछताछ के लिए शनिवार को यहां केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पेश हुए। इससे पहले वे 3 तारीखों पर पेश नहीं हुए थे। एजेंसी के अनुसार इसके बदले अभ्यर्थियों ने सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के जरिए प्रसाद के परिवार के सदस्यों को जमीन कथित तौर पर अत्यंत सस्ती दरों पर बेची थीं।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता पूर्वाह्न करीब 10.30 बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंचे और आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें जांच दल के समक्ष ले जाया गया। सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय को पिछले सप्ताह आश्वासन दिया था कि वह यादव को इस महीने गिरफ्तार नहीं करेगी। इसके बाद नेता ने नौकरी के बदले जमीन मामले में पूछताछ के लिए 25 मार्च को एजेंसी के समक्ष पेश होने को लेकर सहमति जताई थी।
तेजस्वी यादव के वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि उनके मुवक्किल को सीबीआई के समक्ष पेश होने के लिए कुछ समय चाहिए, क्योंकि बिहार विधानसभा का वर्तमान सत्र पांच अप्रैल तक चलेगा। मनिंदर सिंह ने अदालत से कहा था कि उनके मुवक्किल 25 मार्च को सीबीआई के दिल्ली मुख्यालय में जांच अधिकारी के समक्ष पूर्वाह्न 10.30 बजे पेश होंगे।
सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने अदालत से कहा था कि विधानसभा का सत्र शनिवार को नहीं चलता और यादव अपनी सुविधा के अनुसार मार्च में किसी भी शनिवार को एजेंसी के सामने पेश हो सकते हैं। राजद नेता ने अपने खिलाफ 28 फरवरी, 4 मार्च और 11 मार्च के लिए जारी समन को रद्द करने का अनुरोध किया था।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेलमंत्री रहने के दौरान पसंदीदा उम्मीदवारों को बिना किसी विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना के नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में नियुक्त किया गया था। एजेंसी के अनुसार इसके बदले अभ्यर्थियों ने सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के जरिए प्रसाद के परिवार के सदस्यों को जमीन कथित तौर पर अत्यंत सस्ती दरों पर बेची थीं।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta