नई दिल्ली। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने वाला बिल संसद में पारित हो चुका है, लेकिन इसको लेकर राजनेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कांग्रेस का कहना है कि यह भाजपा की ऐतिहासिक भूल है।
मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने वाला बिल संसद में पारित हो चुका है, लेकिन इसको लेकर राजनेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, भाजपा जहां इसका खुलकर समर्थन कर रही है, वहीं कांग्रेस को यह रास नहीं आ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है। सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है। इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं की गरिमा को सुनिश्चित करने और उसे अक्षुण्ण रखने के लिए उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है। यह मुस्लिम महिलाओं के जीवन में आशा और सम्मान का एक नया युग लाएगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमने बुनियादी तौर पर इस विधेयक का समर्थन किया था। हम इसमें संशोधन चाहते थे ताकि मुस्लिम महिलाओं को सहयोग मिल सके। हमारा विरोध दो-तीन मुद्दों पर था। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक को ‘शून्य एवं अमान्य’ कर दिया है, ऐसे में इसे फौजदारी का मामला बनाने की क्या जरूरत है।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर कहा कि ‘मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए ऐतिहासिक दिन, जब लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी तीन तलाक कानून को मंजूरी मिल गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम महिलाओं को किया वादा निभाया है।
विधेयक का विरोध करने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पार्टी ने पूर्व में की गई भूल को फिर से दोहराया है। समय आने पर लोग कांग्रेस को दंडित करेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, ‘तीन तलाक़ से संबंधित क्रांतिकारी विधेयक को पारित करवाने के लिए प्रधानमंत्री तथा उन सभी सांसदों का अभिनंदन, जिन्होंने इस विधेयक के पक्ष में मतदान किया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने उच्च सदन में विधेयक पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे सदस्यों और पार्टियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह दुखद है कि जिन्होंने दावा किया था कि वो विधेयक का विरोध करेंगे और इसके खिलाफ वोट करेंगे वो सदन में मौजूद नहीं थे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजबब्बर ने विधेयक पारित किए जाने को ‘ऐतहासिक भूल’ बताया। उन्होंने विधेयक पारित किए जाने को देश में परिवार कानूनों के लिए बड़ा झटका बताया।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक विधेयक को 2014 में भाजपा नीत राजग (एनडीए) सरकार के सत्ता में आने के बाद से ‘मुस्लिम अस्मिता’ पर हुए कई हमलों के महज एक हिस्से के रूप में देखा जाना चाहिए। ओवैसी ने आरोप लगाया कि विधेयक मुस्लिम महिलाओं को और अधिक हाशिए पर धकेलेगा।
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया कि संसद का मजाक बनाना जारी है। दोनों सदनों ने इस सत्र में 18 विधेयक पारित किए हैं और उसे कानून बनाया है। केवल एक की जांच संसदीय समिति ने की है।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा उपाध्यक्ष शिवराजसिंह चौहान ने राज्यसभा में बिल पारित होने पर कहा कि कांग्रेस ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय किया।