नई दिल्ली। टीडीपी के साथ भाजपा के रिश्ते अभी भी पूरी तरह से सामान्य नहीं हुए हैं। आज टीडीपी सांसदों ने आंध्रप्रदेश पुनर्गठन कानून को पूरी तरह से लागू करने समेत अन्य मांगों को लेकर संसद भवन परिसर में धरना दिया तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से वादा पूरा करने की मांग की।
टीडीपी सदस्यों ने लोकसभा में भी अपनी मांग को लेकर शोर शराबा किया जिसके कारण प्रश्नकाल की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दे रहे टीडीपी सदस्य अपनी हाथों में तख्तियां लिए हुए थे जिस पर भाजपा से गठबंधन धर्म का पालन करने और आंध्र प्रदेश को बचाने की मांग की गई थी। टीडीपी सदस्य 'मोदी वादा, पूरा करो' के नारे लगा रहे थे।
टीडीपी सांसद जयदेव गल्ला ने कहा कि हम केंद्र सरकार से आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को पूरी तरह से लागू करने और राज्य को बचाने की मांग कर रहे हैं। हमने बहुत इंतजार किया है। अब केंद्र को अपना वादा पूरा करना चाहिए। टीडीपी सदस्यों ने रेलवे जोन की घोषणा करने की भी मांग की। टीडीपी सदस्य एन शिवप्रसाद सिर पर चोटी बांधकर और माला पहनकर धरना में शामिल हुए, वे करताल भी बजा रहे थे।
दूसरी ओर, वाईएसआर कांग्रेस सदस्य संसद भवन के द्वार पर धरना दे रहे थे। उनके हाथों में तख्तियां थी और वे आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे थे।
केंद्र और आंध्रप्रदेश में भाजपा और उसकी गठबंधन सहयोगी टीडीपी के साथ रिश्तों में हाल में तल्खी देखने को मिली जब टीडीपी ने गठबंधन बनाये रखने पर पुनर्विचार करने की बात कही थी। हालांकि टीडीपी की बैठक के बाद गठबंधन बनाए रखने की बात कही गई।
टीडीपी नेता एवं केन्द्रीय मंत्री वी एस चौधरी ने मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के साथ पार्टी के सांसदों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद यहां कहा था, 'टीडीपी, भाजपा की अगुवाई वाले राजग से गठबंधन समाप्त नहीं करेगी।' उन्होंने कहा था कि वे राज्य से जुड़े मसलों को पहले केन्द्र के समक्ष उठाएंगे और यह प्रयास करेंगे कि वे दूर हो जाएं।
चौधरी ने कहा था, 'अगर केन्द्र हमारी मांगों को नहीं मानेगा तो हम संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह विरोध करेंगे। ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि बजट में राज्य के लिए कम धन आवंटन से टीडीपी नाखुश है।' (भाषा)