Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

नोटबंदी के बाद करदाताओं की संख्या में विरोधाभास नहीं

हमें फॉलो करें नोटबंदी के बाद करदाताओं की संख्या में विरोधाभास नहीं
, शुक्रवार, 18 अगस्त 2017 (23:51 IST)
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद करदाताओं की संख्या में हुई बढ़ोतरी के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से संबोधन में दिए गए आंकड़ों और आर्थिक सर्वेक्षण खंड दो में दिए गए आंकडों में अंतर को लेकर मीडिया में आ रही खबरों पर केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शुक्रवार को कहा कि इन आंकड़ों में कोई विरोधाभास नहीं है।
  
सीबीडीटी ने यहां जारी स्पष्टीकरण में कहा कि अलग-अलग अवसर पर करदाताओं की संख्याओं को लेकर दिए गए आंकड़ों में कोई विरोधाभास नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त को संबोधन के दौरान करदाताओं की संख्या में हुई बढ़ोतरी को लेकर दिए गए आंकड़े और आर्थिक सर्वेक्षण खंड दो में दिए गए आंकड़े अलग-अलग हैं और इनकी तुलना नहीं की जा सकती है। प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए आंकड़ों में नए और पुराने करदाता दोनों शामिल हैं।
 
बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 1 अप्रैल 2017 से 5 अगस्त 2017 तक ई-फाइल के जरिए व्यक्तिगत आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों के आंकड़े दिए थे और उसकी तुलना पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि से की गई थी। इसमें कहा गया है कि आयकर विभाग द्वारा संग्रहित आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल 2017 से 5 अगस्त 2017 के दौरान 2.79 करोड़ व्यक्तिगत करदाताओं ने ई-रिटर्न भरे हैं, जबकि 1 अप्रैल 2016 से 5 अगस्त 2016 के दौरान यह संख्या 2.23 करोड़ रही थी। 
 
इस तरह से इसमें कुल 56 लाख की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसी अवधि में वर्ष 2015 में दो करोड़ करदाताओं ने ई-रिटर्न भरे थे। इस तरह वर्ष 2016 में ई-रिटर्न भरने वालों की संख्या में 22 लाख की बढ़ोतरी हुई थी। इस संबंध में सीबीडीटी ने 7 अगस्त 2017 को बयान जारी किया था।
 
बयान में कहा गया है कि आर्थिक सर्वेक्षण खंड दो के पृष्ठ 22 के टेबल छह में दिए गए आंकड़े वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान नौ नवंबर से 31 मार्च के और इसी अवधि में इससे पिछले दो वित्त वर्ष के आंकड़े हैं। आर्थिक सर्वेक्षण में करदाताओं की संख्या का जो उल्लेख किया गया है, वह नए करदाताओं की संख्या है जिसकी तुलना पिछले वित्त वर्ष की वृद्धि दर से सिर्फ संदर्भ के रूप में किया गया है।
 
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा था कि 1 अप्रैल 2017 से 5 अगस्त 2017 के दौरान व्यक्तिगत आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या 56 लाख बढ़ी है जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 22 लाख बढ़ी थी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ई-रिटर्न का उल्लेखन नहीं किया था।
 
इसके अलावा इस साल 12 अगस्त को जारी आर्थिक सर्वेक्षण खंड दो में कहा गया था कि नोटबंदी के बाद 5.4 लाख करदाता बढ़े हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 17 मई 2017 को कहा था कि 91 लाख करदाता बढ़े हैं। गत 1 अगस्त 2017 को राज्यसभा में एक अतरांकित प्रश्न के उत्तर में कहा गया था कि नोटबंदी के बाद 33 लाख नए करदाता जुड़े हैं। इसके मद्देनजर सीबीडीटी को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा है। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इंदौर में बदमाश के चंगुल में फंस नहीं पाया बच्चा