संयुक्त राष्ट्र में यूं तो एनम गंभीर पाकिस्तान और उसके नेता नवाज शरीफ को करारा जवाब दे चुकी हैं, लेकिन अब भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बारी है, जब वे पाकिस्तान की करतूतों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय संस्था के मंच पर अपने विचार रखेंगी।
यूं तो कोझीकोड में नरेन्द्र मोदी के भाषण के बाद सुषमा के संयुक्त राष्ट्र भाषण की भूमिका तैयार हो गई है। मोदी ने केरल में पाकिस्तान को नसीहत देते हुए कहा था कि पड़ोसी देश समझ ले कि हम उसे पूरी दुनिया में अलग थलग कर देंगे। हालांकि मोदी ने युद्ध की बात तो नहीं कही थी, लेकिन चुनौती भरे अंदाज में यह जरूर कहा कि हम पाकिस्तान से एक हजार साल तक लड़ने को तैयार हैं, लेकिन यहां लड़ाई से उनका तात्पर्य गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी के खिलाफ लड़ाई से था।
सुषमा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विषवमन का सोमवार यानी आज करारा जवाब देंगी और शासन नीति के औजार के तौर पर आतंकवाद के इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान को निशाने पर लेंगी। पूरा देश सुषमा स्वराज के संबोधन का इंतजार कर रहा है, जो 71वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए भारत का 'दृष्टिपत्र' पेश करेंगी।
आतंकवाद से मुकाबले को केंद्र में रखते हुए भारत, पाकिस्तान को आतंकवादी देश होने के लिए अलग-थलग करेगा, जिसने 4 दिन पहले कश्मीर पर विस्तृत रूप से बात करने के लिए इस वैश्विक मंच का इस्तेमाल किया था।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में भारत के एजेंडे को रेखांकित करते हुए था कि आतंकवाद भारत के साथ-साथ विश्वभर के देशों के लिए प्राथमिक चिंता का विषय है। सुषमा संयुक्त राष्ट्र की आमसभा को संबोधित करेंगी और उनके शरीफ के भाषण का करारा जवाब देने की उम्मीद है। पूरा विश्व और पूरा देश यह सुनने का इंतजार कर रहा है कि विदेश मंत्री क्या कहने वाली हैं?
समझा जा रहा है कि आतंकवाद के मुद्दे के साथ ही कश्मीर में पाकिस्तान के अनावश्यक दखल पर भी सुषमा पूरी मजबूती से अपनी बात रखेंगी। साथ ही पिछले दिनों आतंकवादी बुरहानवानी की मौत के बाद पाकिस्तान द्वारा उसे शहीद बताने के मुद्दे को भी पूरी मुखरता के साथ उठाएंगी। हो सकता है कि वे अपने भाषण में पीओके और बलूचिस्तान में पाकिस्तान के अत्याचारों का उल्लेख भी करें। जो भी हो, लेकिन सुषमा के संबोधन का सभी को इंतजार है।