Ayodhya: राम के वनवास से भी लंबा है इन सूर्यवंशियों का वचन, 500 साल बाद पहनेंगे जूते और पगड़ी

संदीप श्रीवास्तव
Ayodhya Ram Janmabhoomi Temple: राम नगरी अयोध्यावासियों में अपने वचन को निभाने की परंपरा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के समय से चली आ रही है। राम अपने पिता राजा दशरथ के वचन को पूर्ण करने के लिए 14 वर्षों के वनवास पर गए थे। यह तो सभी को ज्ञात है, लेकिन राम की जन्मस्थली अयोध्या से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित 'सराय राशि' गांव के सूर्यवंशी क्षत्रिय 500 साल बाद भी अपना वचन निभा रहे हैं।
 
दरअसल, 500 पहले मुगलों द्वारा राम जन्मभूमि स्थित मंदिर को ध्वस्त कर दिया है। उस समय बाबा गजराज सिंह से मुगल आक्रांताओं से एक सप्ताह तक लड़ते रहे और अन्तत: राम जन्मभूमि को बचाने के लिए शहीद हो गए। गजराज सिंह ने शहीद होने से पूर्व उन्होंने कसम खाई थी कि जब तक राम जन्मभूमि का निर्माण नहीं हो जाता और उसमें रामलला विराजमान नहीं हो जाते तब तक हमारा परिवार न तो सिर पर पगड़ी बांधेगा, न जूते पहनेगा और न ही छतरी लगाएगा फिर चाहे कितनी भी तेज धूप हो या बारिश। 
 
बाबा गजराज सिंह के वचन को उनके परिजन 500 वर्षों बाद भी निभा रहे हैं। वर्तमान में उनके परिजनों की संख्या भी हजारों में बहुत चुकी हैं। अब अयोध्या में भव्य और दिव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण तीव्र गति के साथ चल रहा है। 2024 में मकर संक्रांति के बाद रामलला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। 
पूर्वजों का सपना होगा साकार : बाबा गजराज सिंह के परिजन काफी प्रसन्न हैं कि उनके पूर्वजों का सपना साकार हो रहा है। उनका संकल्प भी पूरा होने जा रहा है। परिजनों का कहना है कि रामलला के विराजमान होने के बाद हम सभी उन चीजों को धारण करेंगे, जिनका हमने त्याग किया था। इसके लिए हम सभी प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी जी को धन्यवाद देते हैं, जिनके सहयोग से हमारे रामलला का मंदिर बनने जा रहा है। 
 
गजराज सिंह के परिवार के चौथी पीढ़ी के वृद्ध गयाराम सिंह ने वेबदुनिया से खास बातचीत में बताया कि हमारे पूर्वज बाबा गजराज सिंह के वचन को पूरा करते चले आ रहे हैं, उसे आज हम और हमारा परिवार भी निभा रहा है। अब हम सभी बहुत खुश हैं कि बाबा गजराज का वचन पूर्ण होने जा रहा है। जब रामलला विराजमान हो जाएंगे तो हमारा संकल्प भी पूरा हो जाएगा। इसके बाद हम पगड़ी भी लगाएंगे, जूता पहनेंगे और छाता लगाएंगे। 
सरकार लगाए प्रतिमा : उन्हीं के परिवार के योग सिंह ने कहा कि हमें खुशी है कि जल्द ही भव्य मंदिर में रामलला विराजमान होने जा रहे हैं। अखिलेश सिंह ने बताया कि वर्तमान में बाबा गजराज सिंह के परिवार की संख्या तीन हजार के लगभग है और सभी उनके वचन को निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि हमारे पूर्वज बाबा गजराज सिंह श्रीराम जन्मभूमि को बचाने के दौरान शहीद हो गए थे, ऐसे में उनकी प्रतिमा भी वहां लगनी चाहिए ताकि नई पीढ़ी को भी उनके बारे में पता लग सके। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 

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