Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

अविवाहित महिलाओं को गर्भपात की अनुमति मामले में MTP कानून की व्याख्या करेगा सुप्रीम कोर्ट

हमें फॉलो करें Supreme Court
, शनिवार, 6 अगस्त 2022 (01:25 IST)
नई दिल्ली। अविवाहित महिला को सुरक्षित गर्भपात का अधिकार न देने को उसकी निजी स्वायत्तता का उल्लंघन करार देने संबंधी अपने महत्वपूर्ण निर्णय के बाद उच्चतम न्यायालय अब मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रीग्‍नेंसी (एमटीपी) कानून तथा संबंधित नियमों की व्याख्या करेगा, ताकि यह तय किया जा सके कि क्या चिकित्सा सलाह पर अविवाहित महिलाओं को भी 24 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति दी जा सकती है, या नहीं।

न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने शुक्रवार को केंद्र सरकार की ओर से पेश हो रही अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से इस प्रयास में न्यायालय को मदद करने का आग्रह किया।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, यदि कानून के तहत अपवाद मौजूद हैं तो चिकित्सा सलाह पर 24 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने वाली महिलाओं में अविवाहित महिलाओं को क्यों नहीं शामिल किया जाए? (कानून में) ‘पति’ के स्थान पर ‘पार्टनर’ शब्द रखने से ही संसद का इरादा स्पष्ट समझ में आता है। यह दर्शाता है कि उसने अविवाहित महिलाओं को उसी श्रेणी में रखा है जिस श्रेणी की महिलाओं को 24 हफ्ते के गर्भ को गिराने की अनुमति है।

भाटी ने कहा, इस मामले में विशेषज्ञों की अपनी-अपनी राय है और हमें उन विचारों को अदालत के समक्ष रखने की आवश्यकता है। 24 सप्ताह के भ्रूण को समाप्त करने में काफी जोखिम है और इससे महिलाओं की जान भी जा सकती है।

पीठ ने इसके बाद भाटी को विशेषज्ञों की राय से अदालत को अवगत कराने की इजाजत दी और इस मामले में सहयोग का उनसे आग्रह किया।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

India China Talks : सैन्य वार्ता में भारत ने चीनी वायुसेना की गतिविधियों पर जताई आपत्ति