नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसभा चुनाव में ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ (नोटा) के इस्तेमाल पर बड़ा फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में नोटा का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। अदालत का मानना है कि नोटा को सिर्फ प्रत्यक्ष चुनाव में ही लागू किया जाना चाहिए।
इससे पहले 30 जुलाई को गुजरात कांग्रेस के चीफ व्हिप शैलेश मनुभाई परमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग की उस अधिसूचना पर सवाल उठाए थे। इसमें राज्यसभा चुनावों के लिए बैलट पेपर में नोटा की अनुमति दी गई थी।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि नोटा की शुरुआत इसलिए की गई थी ताकि प्रत्यक्ष चुनावों में कोई व्यक्ति वोटर के तौर पर इस विकल्प का इस्तेमाल कर सके। चुनाव आयोग ने जवाब दाखिल कर कहा था कि राज्यसभा चुनाव में नोटा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ही है। ये प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष चुनाव दोनों पर लागू होता है।