नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानून की वापसी की घोषणा के बाद भी इस पर जारी बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा कृषि कानूनों पर बनाए गए पैनल के सदस्य अनिल घनवट ने सुप्रीम कोर्ट के CJI एनवी रमन्ना को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि समिति की ओर से की गई सिफारिशों को सार्वजनिक किया जाए।
घनवट ने दावा कि किसानों को कुछ नेताओं द्वारा गुमराह किया गया है। रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद किसानों की गलतफहमी दूर हो जाएगी।
उन्होंने पत्र में कहा है कि इन सिफारिशों तैयार करने में लगा समिति का समय सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट का समय व्यर्थ न जाए, इसलिए सभी सिफारिशों की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि या तो सुप्रीम कोर्ट इन सिफारिशों को खुद ही सार्वजनिक कर दे या फिर मुझे ऐसा करने के लिए अधिकृत किया जाए।
घनवट ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कानून वापसी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बाद ये कानून पूरी तरह से निष्प्रभावी हो जाएंगे, लेकिन इन कानूनों पर जारी की गई सिफारिशों को सार्वजनिक करके किसानों की गलतफहमी को दूर किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि आज होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीनों कानूनों की वापसी के प्रस्ताव पर मुहर भी लग सकती है। संसद की मंजूरी के बाद ये कानून निष्प्रभावी हो जाएंगे।