नई दिल्ली। बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि प्रदूषण की परेशानी अस्थमा के मरीज ही समझ सकते हैं। हम लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। उच्चतम न्यायालय ने ये मौखिक टिप्पणियां पटाखा निर्माताओं के खिलाफ अवमानना याचिका और वायु प्रदूषण से संबंधित मामलों पर सुनवाई के दौरान की।
खबरों के अनुसार, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि जश्न में आतिशबाजी की जाती है। यह परेशानी पैदा करने वाली बात है। पीठ ने कहा कि हम लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। अस्थमा के मरीजों से पूछो, क्या परेशानी होती है। इससे बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय के 3 मार्च 2020 के आदेश के तहत सीबीआई को पटाखा निर्माताओं द्वारा इस्तेमाल के जाने वाले पदार्थों की जांच करने के लिए कहा था। न्यायालय ने कहा कि यह हमारे आदेशों का उल्लंघन है। न्यायालय ने सीबीआई की रिपोर्ट की प्रति अवमानना नोटिस पाने वाले पटाखा निर्माताओं को देने का निर्देश दिया है।