Krishna Janmabhoomi Vivad: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक बढ़ा दी जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह (Shahi Idgah) मस्जिद परिसर का अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि (Krishna Janmabhoomi) मंदिर के बगल में स्थित है।
भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ 'ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति' की याचिका पर सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए स्थगित करेगी।
ALSO READ: कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई टली
शीर्ष अदालत में 3 मुद्दे लंबित : प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि शीर्ष अदालत में अभी 3 मुद्दे लंबित हैं और वे हैं 'एक अंतर-न्यायालय अपील का मुद्दा (हिन्दू वादियों द्वारा दायर मुकदमों के समेकन के खिलाफ), दूसरा है खुद अधिनियम (पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 को चुनौती)। एक अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध करें।
पीठ ने कहा कि इस बीच इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक जारी रहेगी जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई थी। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को पहली बार उच्च न्यायालय के 14 दिसंबर 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। उच्च न्यायालय ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर का अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण करने की अनुमति दे दी थी तथा इसकी देखरेख के लिए अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
ALSO READ: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मामले में मुस्लिम पक्ष को झटका, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की दलीलें
हिन्दू पक्ष का दावा कि वहां कभी मंदिर था : हिन्दू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे चिह्न मौजूद हैं जिनसे पता चलता है कि वहां कभी मंदिर था। हिन्दू पक्षों के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील उच्च न्यायालय के 14 दिसंबर 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले में संबंधित आदेश निष्प्रभावी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि ये सभी याचिकाएं निरर्थक हो गई हैं, क्योंकि उच्च न्यायालय ने अपना आदेश बाद में सुनाया है।
जैन ने उच्च न्यायालय के बाद के आदेश का हवाला दिया जिसमें उसने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित 18 मामलों की विचारणीयता को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्षकारों की याचिका को खारिज कर दिया था और फैसला सुनाया था कि मस्जिद के धार्मिक चरित्र को निर्धारित करने की आवश्यकता है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta