नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को विपक्ष को बड़ा झटका देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारों को बरकरार रखा। शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज करते हुए PMLA कानून में बदलाव को सही करार दिया।
न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग को अन्य अपराध से जोड़कर नहीं देख सकते। पूछताछ के लिए ईडी को मिला अधिकार सही है। अदालत ने सेक्शन 3, 5, 18, 19, 24, 45, 50 और 53 को भी सही करार दिया।
अदालत ने कहा कि ईडी का समन भेजना, गिरफ्तारी करना सही है। गिरफ्तारी के लिए कारण बताना ही ईडी के लिए पर्याप्त है। हर मामले में ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) अनिवार्य नहीं है।