नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अयोध्या विवाद में मध्यस्थता के मुद्दे पर फैसला सुना सकता है। अदालत आज इस मामले में एक पैनल का भी गठन कर सकती है।
इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय बेंच ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद मध्यस्थता के लिए नाम सुझाने को कहा था। सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबडे ने कहा था कि इस मामले में मध्यस्थता के लिए एक पैनल का गठन होना चाहिए।
हिंदू महासभा मध्यस्थता के खिलाफ है। वहीं निर्मोही अखाड़ा और मुस्लिम पक्ष मध्यस्थता के लिए राजी है। मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ही तय करे कि बातचीत कैसे हो?
सरकार ने रिट पिटीशन दायर कर विवादित जमीन को छोड़कर बाकी जमीन यथास्थिति हटाने की मांग की है। उन्होंने इसे रामजन्म भूमि न्यास को लौटाने को कहा है। सरकार ने कोर्ट से कहा है कि विवाद सिर्फ 0.313 एकड़ जमीन पर ही है. बाकी जमीन पर कोई विवाद नहीं है, लिहाजा इस पर यथास्थिति बरकरार रखने की जरूरत नहीं है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन सहित 67 एकड़ जमीन पर यथास्थिति बनाने को कहा था। लेकिन, केंद्र के इस स्टैंड के बाद अयोध्या में विवादित स्थल का मामला सिर्फ 0.313 एकड़ भूमि तक ही अटक कर रह गया है।