नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गर्भपात पर एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि अविवाहित महिला को भी 24 हफ्तों तक गर्भपात का अधिकार है।
मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रीग्नेंसी (एमटीपी) कानून तथा संबंधित नियमों की व्याख्या करते हुए शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि विवाहित हो या अविवाहित सभी महिलाओं को 24 हफ्तों तक गर्भपात का अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवाहित और अविवाहित के बीच भेदभाव उस रूढ़िवादी सोच को बढ़ावा देता है कि केवल विवाहित महिलाएं ही यौन संबंध बना सकती हैं। गर्भपात कानूनों के तहत विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच भेदभाव संवैधानिक रूप से सही नहीं है।
उल्लेखनीय है कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5/ के डेटा के अनुसार, भारत की 28.7% ग्रामीण महिलाएं और 22.1% शहरी महिलाएं सेल्फ अबॉर्शन करती हैं। हर 4 में से 1 महिला बिना डॉक्टर की एडवाइस के घर बैठे सेल्फ-अबॉर्शन करती हैं, जिसमें MTP पिल्स का सेवन करना भी शामिल है।