Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

राजद्रोह कानून : SC ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब, खत्म क्यों नहीं करते अंग्रेजों के जमाने का कानून

हमें फॉलो करें राजद्रोह कानून : SC ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब, खत्म क्यों नहीं करते अंग्रेजों के जमाने का कानून
, गुरुवार, 15 जुलाई 2021 (18:53 IST)
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह संबंधी ‘औपनिवेशिक काल’ के दंडात्मक कानून के दुरुपयोग पर गुरुवार को चिंता व्यक्त की और प्रावधान की वैधता को चुनौती देने वाली ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ की याचिका समेत याचिकाओं के समूह पर केंद्र से जवाब मांगा।
 
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि उसकी मुख्य चिंता ‘कानून का दुरुपयोग’ है और उसने पुराने कानूनों को निरस्त कर रहे केंद्र से सवाल किया कि वह इस प्रावधान को समाप्त क्यों नहीं कर रहा।
 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजद्रोह कानून का इस्तेमाल अंग्रेजों ने स्वतंत्रता आंदोलन को दबाने के लिए किया था। असहमति की आवाज को चुप करने के लिए किया था। अदालत ने कहा कि महात्मा गांधी और बाल गंगाधर तिलक पर भी ये धारा लगाई गई, क्या सरकार आजादी के 75 साल भी इस कानून को बनाए रखना चाहती है?
 
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक पूर्व मेजर जनरल और ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ की याचिकाओं पर गौर करने पर सहमति जताते हुए कहा कि उसकी मुख्य चिंता ‘कानून का दुरुपयोग’ है।
 
न्यायलय ने कहा कि राजद्रोह कानून का मकसद स्वतंत्रता संग्राम को दबाना था, जिसका इस्तेमाल अंग्रेजों ने महात्मा गांधी और अन्य को चुप कराने के लिए किया था। इस बीच, अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने प्रावधान की वैधता का बचाव करते हुए कहा कि राजद्रोह कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ दिशा-निर्देश बनाए जा सकते हैं।
 
पीठ मेजर-जनरल (सेवानिवृत्त) एसजी वोम्बटकेरे की एक नई याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए (राजद्रोह) की संवैधानिक वैधता को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार पर अनुचित प्रतिबंध है।
 
राहुल गांधी ने टिप्पणी का किया स्वागत : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजद्रोह संबंधी दंडात्मक कानून के ‘भारी दुरुपयोग’ पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से चिंता जताए जाने के बाद गुरुवार को कहा कि वह देश की सबसे बड़ी अदालत की टिप्पणी का स्वागत करते हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि ‘उच्चतम न्यायालय की इस टिप्पणी का हम स्वागत करते हैं।’’

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बंगाल हिंसा पर NHRC की आई रिपोर्ट, ममता ने कहा 'यूपी क्यों नहीं भेजा जाता कमीशन'