नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को रीयल एस्टेट क्षेत्र की अग्रणी कंपनी यूनिटेक के मामले में न्यायालय की मदद के लिए नियुक्त वकील (एमिक्स क्यूरी) से पूछा कि वह घर खरीदारों की सूची बनाकर यह अवगत कराए कि कितने लोगों को फ्लैट का कब्जा मिल चुका है और कितनों को कंपनी ने धनराशि लौटाई है?
न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली खंडपीठ, जिसमें न्यायाधीश डीवाई चन्द्रचूड और न्यायाधीश केएम खानविलकर भी थे, ने इस मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर को तय की तथा फर्म के प्रोमोटर संजय चन्द्रा को 21 सितंबर तक जमानत देने से मना कर दिया। खंडपीठ ने एक सूची भी मांगी है कि कितने खरीदारों को फ्लैटों का कब्जा मिल चुका है और कितने लोगों को उनकी धनराशि लौटा दी गई है?
दरअसल, यूनिटेक से फ्लैट खरीदने के इच्छुक लोगों ने फर्म के पास काफी पहले धनराशि जमा करा दी थी लेकिन न तो उन्हें समय पर आशियाना मिल सका और न ही फर्म ने उनकी धनराशि लौटाई। इसी मामले को लेकर इन सभी ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। कुछ लोग फ्लैट का मालिकाना हक चाहते हैं जबकि कुछ अपनी धनराशि लेना चाहते हैं। (वार्ता)