नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जनहित तथा लोक कल्याण के मुद्दे उठाने के लिए सदन को सर्वाधिक पवित्र मंच बताते हुए शुक्रवार को सदस्यों को देश के व्यापक हितों को ध्यान में रखने की नसीहत दी। श्रीमती महाजन ने बजट सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले कहा कि यह सभा सदस्यों के लिए जनहित तथा लोक कल्याण के मुद्दों को उठाने के लिए सर्वाधिक पवित्र मंच है।
महाजन ने कहा कि मैं माननीय सदस्यों द्वारा अपने-अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों को उठाने से संबंधित उनकी चिंताओं को समझती हूं लेकिन उन्हें देश के व्यापक हितों को भी ध्यान में रखना होगा। श्रीमती महाजन की यह टिप्पणी बजट सत्र के पांच मार्च से शुरू हुए दूसरे चरण के दौरान हंगामे के कारण सदन में किसी भी मुद्दे और विधेयक पर चर्चा न हो पाने के संदर्भ में थीं।
विभिन्न दलों के सदस्य अलग-अलग मुद्दों को लेकर इस दौरान नारेबाजी और हंगामा करते रहे और पूरा चरण हंगामे की भेंट चढ़ गया। बजट सत्र के कामकाज का ब्योरा देते हुए अध्यक्ष ने बताया कि व्यवधानों और विभिन्न कारणों से स्थगनों के कारण सदन का कामकाज 127 घंटे 45 मिनट तक बाधित रहा।
श्रीमती महाजन ने 10 और 11 मार्च को संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित राष्ट्रीय जनप्रतिनिधि सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि इस सम्मेलन की सफलता इस तथ्य को रेखांकित करती है कि जब भी जनहित के महत्वपूर्ण मुद्दों की बात आती है तब सांसद और विधानमंडलों के सदस्य राजनीतिक मतभेदों को छोड़कर भातृत्व भावना से काम करते हैं। (वार्ता)