नोएडा। उत्तर प्रदेश में नोएडा के सेक्टर-93-ए में 13 साल में बने टि्वन टावर को रविवार दोपहर ढाई बजे विस्फोट से मात्र 12 सेकंड में ढहा दिया गया। 103 मीटर ऊंचे इस टावर को ढहाने में करीब 3.5 टन विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। 400 करोड़ की लागत से बने 32 और 29 मंजिला इन इमारतों से करीब 60 हजार टन मलबा निकलने का अनुमान है। टाइम लाइन से जानिए टि्वन टावर की कहानी...
2004 : नवंबर में न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) में सेक्टर 93-ए में एक हाउसिंग सोसाइटी 'सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट' प्रस्तावित किया गया था।
2005 : जून में नोएडा प्राधिकरण ने भवन योजना को मंजूरी दी, जिसमें 14 टावरों और 9 मंजिलों को रेखांकित किया गया था। इसकी ऊंचाई 36 मीटर बताई गई थी।
2006 : जून में सुपरटैक को इस प्रोजेक्ट के लिए अतिरिक्त एरिया लीज पर मिला। दिसंबर में नए रेगुलेशन के तहत 2 मंजिल, 2 टावर और शॉपिंग एरिया की मंजूरी मिली।
2010 : नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक के एक संशोधित नक्शे को मंजूरी दी। इसमें टि्वन टावरों की ऊंचाई 40 मंजिलों पर तय की गई।
2012 : दिसंबर में एमराल्ड कोर्ट रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने निर्माण अवैध होने का आरोप लगाते हुए इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया।
2014 : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इसे अवैध घोषित कर दिया। हाईकोर्ट ने आदेश की प्रति दाखिल करने की तारीख से 4 महीने के भीतर टि्वन टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया। अदालत ने रीयलटर्स को तीन महीने में फ्लैट खरीदारों के भुगतान को 14 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ वापस करने के लिए कहा था। सुपरटेक को विध्वंस और मलबे को हटाने का खर्च वहन करने के लिए कहा था।
2021 : सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2021 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा और विध्वंस का आदेश दिया।
2022 : फरवरी में नोएडा प्राधिकरण ने कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि डिमोलिशन का कार्य शुरू हो गया है। यह मई तक पूरा हो जाएगा। मई में तय किया गया कि टॉवरों को अगस्त में गिराया जाएगा।
2022 : 28 अगस्त को एडविस इंजीनियरिंग और CBRI की टीम ने ध्वस्त किया सियान और एपेक्स टावर।