एलटीटीई के लिए काम करने वाले श्रीहरण (मुरुगन) से शादी करने वाली नलिनी, दो महीने की गर्भवती थी जब उसे राजीव गांधी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। तमिलनाडु के वेल्लोर में स्पेशल महिला जेल में बंद नलिनी छह अन्य दोषियों के साथ उम्र कैद की सजा काट रही है।
नलिनी ने अपनी आत्मकथा 'राजीव असैसिनेशन: हिडन ट्रूथ्स ऐंड प्रियंका-नलिनी मीटिंग' में लिखा कि प्रियंका जब उनसे मिलने आईं तो रो पड़ी थीं। नलिनी के मुताबिक प्रियंका की आंखें लाल थीं और उन्होंने कांपते होठों से पूछा कि ऐसा क्यों किया?
प्रियंका पूछती रहीं कि उनके पिता जो कि एक 'अच्छे इंसान' थे, उन्हें क्यों मार डाला गया? प्रियंका यह जानना चाहती थीं कि हत्या के पीछे कौन लोग थे, पर चूंकि नलिनी खुद एलटीटीई की सदस्य नहीं थी इसलिए इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता पाई।
नलिनी भारत में सबसे लंबी सजा काटने वाली महिला हैं। किताब में उन्होंने जेल में अपने टॉर्चर और प्रियंका गांधी से अचानक हुई मुलाकात का जिक्र किया है।
नलिनी के मुताबिक, प्रियंका ने मुझसे पूछा, ‘मेरे पिता एक अच्छे आदमी थे! तुमने ऐसा क्यों किया?’
नलिनी के हवाले से इस किताब में लिखा है, ‘मैं पहले ये सोचती थीं कि 17 साल की एक लड़की जो अपने प्रधानमंत्री पिता के घर लौटने का इंतजार कर रही थी, उस तक टीवी के जरिये पिता की मौत की खबर पहुंची। वो कैसे ये मानेगी कि मैं बेकसूर हूं।’
प्रियंका से उस मुलाकात के बारे में नलिनी ने लिखा है कि ‘वो दो मिनट तक चुपचाप मेरी तरफ देखती रही। उस जगह की शांति डराने वाली थी। मैंने हिम्मत करके आंखें उठाईं और देखा कि उनके (प्रियंका के) गाल लाल हो चुके हैं। कांपते होठों से उन्होंने पूछा, ‘तुमने ऐसा क्यों किया? मेरे पिता एक अच्छे आदमी थे। तुम्हें जो भी चाहिए था, बात करके सुलझा सकती थीं।’
ये कहते हुए प्रियंका फूट-फूट कर रोने लगीं.... कम ही लोग जानते हैं कि महात्मा गांधी ने नलिनी की मां का नाम पद्मावती रखा था, जो कि चेन्नै के एक अस्पताल में नर्स थीं।
नलिनी ने श्रीहरण से तब मुलाकात और बाद में शादी कि जब उसे रहने के लिए किराए के एक मकान की तलाश थी। इसके बाद सिवरासन आया की जो कि श्रीहरण की तरह श्रीलंका का ही रहने वाला था। कुछ दिनों में सिवरासन, धानू को भी ले आया जिसने बाद में मानव बम की भूमिका निभाई।
नलिनी ने अपनी इस बात पर कायम रहते हुए कि उसे और उसके पति को राजीव गांधी की हत्या के प्लान में बारे में कुछ नहीं पता था, नलिनी ने प्रियंका गांधी को बताया कि हालात ने उसे कैदी बना दिया।
नलिनी को भी कोर्ट ने मौत की सजा दी थी, लेकिन राजीव गांधी की पत्नी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने साल 2000 में नलिनी की बेटी की दुहाई देते हुए उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की अपील की जिसके बाद कोर्ट ने अपील स्वीकार कर ली गई।