जम्मू। जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर अर्शीद की शहादत ने कश्मीरियों को अंदर तक हिला दिया है। श्रीनगर के खानयार में एक आतंकी के बाजार में घात लगाकर किए गए हमले में पुलिस सब इंस्पेक्टर अर्शीद की शहादत पर कश्मीर में हर आंख नम थी। हर कोई अमन की तरफ लौटे कश्मीर के दुश्मनों को कोस रहा था। वह हर दिल खून के आंसू रो रहा था जो उसके जनाजे में शामिल हुआ था।
एलओसी से सटे कुपवाड़ा जिले के कुलमुना गांव में रात को जब शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा तो हजारों की तादाद में लोग श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़े। पार्थिव शरीर लेकर आए पुलिसकर्मी से लेकर अधिकारी भी भावुक थे। भीड़ को देख कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात सुरक्षाबल भी बेबस नजर आए। लोग पाकिस्तान हाय-हाय के नारे लगा रहे थे। सरहद तक शायद बदलाव की आवाज पाकिस्तान के हुक्मरानों के कानों तक भी पहुंच रही होगी।
हर कोई शहीद के जनाजे में लोगों की भीड़ देख दंग था। पहले इस तरह की भीड़ आतंकियों के जनाजे में देखी जाती थी। गांव के एक बुजुर्ग ने कहा कि अर्शीद एक बहादुर इंसान था। बचपन से उसे देश भक्ति का जुनून था। गांव में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक की एक आवाज थी कि अब बंद हो कश्मीर में खून-खराबा। शहीद के घर में परिवार का रो-रोककर बुरा हाल था। इससे पूर्व पुलिस मुख्यालय में शहीद सब इंस्पेक्टर अर्शीद को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। डीजीपी दिलबाग सिंह ने इसे पुलिस के लिए बड़ी क्षति बताया है।
परिवार के लोग बार-बार एक ही सवाल कर रहे थे कि आखिर मेरे बेटे का कसूर क्या था। परिवार के सदस्यों की हालत देख इलाके लोगों की रूह कांप गई। इस वारदात से इलाके में काफी रोष है। लोगों ने कहा कि अर्शीद पर कायराना हमला करने वाले आतंकी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
याद रहे कल श्रीनगर के खानयार इलाके में आतंकी हमला हुआ था जिसमें पुलिस के जवान को निशाना बनाकर आतंकी ने कई राउंड फायरिंग की। घायल जवान (सब-इंस्पेक्टर) को एसकेआईएमस अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शहीद की पहचान सब इंस्पेक्टर अर्शीद अहमद के रूप में हुई थी। आतंकी संगठन टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। उसने अपने दावे में कहा कि श्रीनगर के खानयार इलाके में उसके लोगों ने पुलिस पर हमला किया है। जिसमें पुलिसकर्मी को निशाना बनाया गया।