अकोला। आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने दावा किया कि कोरोना वायरस प्राकृतिक नहीं था और यह महामारी कुछ देशों की साजिश के तहत एक जैविक युद्ध (biological war) थी। उन्होंने कहा कि बड़े देश अब कह रहे हैं कि कोरोना वायरस के खिलाफ टीके अब ज्यादा मददगार साबित नहीं हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है। लोगों को दो साल तक घरों के अंदर रहना पड़ा। मैंने उस वक्त कहा था कि यह बीमारी प्राकृतिक नहीं है। मैंने कहा था कि यह कुछ देशों तथा लोगों की साजिश है...यह जैविक युद्ध है।
रविशंकर ने दावा किया कि उनके अनुयायियों ने उन्हें ऐसा न कहने की सलाह भी दी थी क्योंकि इससे विवाद पैदा होगा। आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि उन्हें लगता है कि हर्बल तथा आयुर्वेदिक दवाएं भी इस्तेमाल की जानी चाहिए।
क्या होता है जैविक युद्ध : किसी युद्ध में किसी व्यक्ति, पशु अथवा पौधे को मारने के उद्देश्य से उसके उसमें जीवाणु, विषाणु अथवा फफूंद जैसे जैविक आविष अथवा संक्रमणकारी तत्वों का उपयोग करना जैविक युद्ध कहलाता है। युद्ध में जैविक हथियारों का प्रयोग प्रतिबंधित है और इसे युद्ध अपराध माना गया है।