नई दिल्ली। आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को शनिवार को 'ऐतिहासिक' बताया और कहा कि इससे हिंदू तथा मुस्लिम समुदायों के सदस्यों को 'खुशी तथा राहत' मिली है।
रविशंकर उच्चतम न्यायलय द्वारा इस विवाद के मैत्रीपूर्ण हल के लिए पहले नियुक्त की गई मध्यस्थता समिति का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि वे उच्चतम न्यायालय के फैसले का तहे दिल से स्वागत करते हैं और लंबे समय से चल रहा मामला आखिरकार एक निष्कर्ष पर पहुंच गया है। उन्होंने लोगों से समाज में शांति एवं सौहार्द बनाए रखने का अनुरोध किया।
उन्होंने ट्वीट किया, मैं तहे दिल से माननीय उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करता हूं। इससे दोनों समुदाय के लोगों को खुशी और लंबे समय से चल रहे विवाद से राहत मिली है। योगगुरु रामदेव ने भी उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रशंसा की और कहा कि हमें दुनिया के सामने एकता की नजीर पेश करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, हिंदू भाइयों को मस्जिद के निर्माण में मुस्लिम भाइयों की मदद करके एक नजीर पेश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई जश्न न मनाया जाए, जिससे किसी की भावनाएं आहत हों। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और अयोध्या राम जन्मभूमि आंदोलन के सह प्रभारी दिवंगत अशोक सिंघल को 'भारत रत्न' से सम्मानित किया जाना चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया, जीत की इस घड़ी में अशोक सिंघल को याद किया जाए। नमो सरकार को उनके लिए फौरन 'भारत रत्न' की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, जब भगवान राम चाहते थे, तभी मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए हरी झंडी दिखाई जा रही है। जय श्री राम।