इन दिनों भारत में वंदे भारत की काफी चर्चा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने अब तक कई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई है। ऐसे में सोशल मीडिया में यह भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतने साल में बाद भारतीय रेलवे ने वंदे भारत बनाई जिसकी रफ्तार शताब्दी एक्सप्रेस की स्पीड से सिर्फ किलो मीटर ज्यादा है। जबकि शताब्दी एक्सप्रेस आज से करीब 35 साल पहले बनाई गई थी।
दरअसल, ट्विटर पर पॉल कोशी नाम के ट्विटर हैंडल से एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ पुरानी भारतीय रेलों से आज की वंदे भारत रेल की स्पीड की तुलना की जा रही है। मूल रूप से मलयालम में आए इस मैसेज को बाद में अंग्रेजी में वायरल किया जा रहा है।
क्या लिखा है वायरल मैसेज में
मैसेज में कहा जा रहा है कि कैसे इतने सालों बाद बनाई गई वंदेभारत की स्पीड 35 साल पहले बनी शताब्दी एक्सप्रेस की स्पीड से सिर्फ 10 किमी ज्यादा है। ऐसे की गई तुलना।
दूसरी ट्रेनों से VandeBharatExpress की गति की तुलना
1969 में बनी राजधानी एक्सप्रेस की स्पीड- 140 किमी प्रति घंटा
1988 में बनी शताब्दी एक्सप्रेस की स्पीड- 150 किमी प्रति घंटा
2006 में बनी गरीब रथ एक्सप्रेस की स्पीड- 130 किमी प्रति घंटा
2009 में बनी दुरंतो एक्सप्रेस की स्पीड- 140 किमी प्रति घंटा
#VandeBharatExpress 2019 में बनी स्पीड- 160 किमी प्रति घंटा
मैसेज में कहा गया है कि वंदेभारत की रफ्तार शताब्दी एक्सप्रेस से 10 किमी प्रति घंटे तेज है, जिसे भारतीय रेलवे ने 35 साल पहले बनाया था।
इतनी आती है उद्घाटन की लागत
वायरल मैसेज में यह भी कहने की कोशिश की गई है कि पीएम द्वारा प्रत्येक रेलवे स्टेशन पर इस ट्रेन का उद्घाटन करने की जो लागत आ रही है वो करीब 30 करोड़ रुपए है। आखिर में यह कहा गया है कि क्या यह आश्चर्यजनक नहीं है कि भारत में करीब 7 हजार 349 रेलवे स्टेशन हैं और पीएम मोदी ने इनमें से अभी तक सिर्फ 12 रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन किया है।
Edited: By Navin Rangiyal