भोपाल। भाजपा के मिशन-2024 के लिए भोपाल से भाजपा के चुनावी अभियान का पीएम मोदी की ओर शंखनाद करने के बाद अब भाजपा संगठन और सरकार में फेरबदल की अटकलें तेज हो गई है। सरकार और संगठन में कसावट लाने के लिए बुधवार देर शाम दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर एक हाईलेवल बैठक हुई।
पीएम आवास पर यह बैठक बुधवार शाम 7 बजे शुरू हुई और 4 घंटे से भी ज्यादा चली। इससे पहले पिछले दिनों जेपी नड्डा, अमित शाह और बीएल संतोष की कई बड़े संघ नेताओं के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में फेरबदल पर मुहर लग चुकी है और मानसून सत्र से पहले मोदी कैबिनेट में नए चेहरे शामिल हो सकते हैं। माना जा रहा है कि मोदी सरकार में शामिल कई मंत्रियों को संगठन में भेजा जा सकता है और सरकार में नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और संगठन महामंत्री बीएल संतोष शामिल हुए। शाम 7 बजे शुरु हुई बैठक देर रात तक चली। बताया जा रहा है कि बैठक में मानसून सत्र से पहले मोदी कैबिनेट में नए चेहरे शामिल करने 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए संगठन में फेरबदल का निर्णय हुआ। मानसून सत्र से मोदी कैबिनेट के संभावित विस्तार में कई नए चेहरों को सरकार में शामिल करने के साथ सरकार में शामिल कई सीनियर मंत्रियों को संगठन में भेजा जा सकता है।
दरअसल साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व पिछले कई दिनों से लगातार मंथन कर रहा है। पिछले दिनों इसको लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और संगठन महामंत्री बीएल संतोष की कई बड़े संघ नेताओं के साथ कई बैठकें भी हो चुकी हैं।
भाजपा से जुड़े सूत्रों के बाद पीएम आवास पर हुई हाईलेवल बैठक में जुलाई के पहले सप्ताह में मोदी कैबिनेट में संभावित फेरबदल केंद्रीय मंत्री धम्रेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव की जिम्मेदारी बढ़ाये जाने की संभावना है। इसके साथ ही चुनाव को देखते हुए संगठन में कसावट लाने के लिए टीम जेपी नड्डा में कई चेहरों को शामिल किया जा सकता है। इसके साथ चुनावी राज्यों के साथ कर्नाटक और गुजरात में संगठन में फेरबदल करते हुए प्रदेश अध्यक्षों की बदला जा सकता है।
दरअसल मोदी 2.0 सरकार अब जब अपना चार साल का कार्यकाल पूरा कर चुके है तब सरकार में कई नए चेहरों को शामिल कर एक नया संदेश देने की कोशिश हो सकती है। बीते चार साल में सिर्फ एक बार मोदी कैबिनेट का विस्तार हुआ था। मोदी कैबिनेट में होने वाले फेरबदल में चुनावी राज्यों में विशेष फोकस किया जा सकता है। अटकलें इस बात की लगाई जा रही है कि मध्यप्रदेश से मोदी कैबिनेट में कुछ नए चेहरों को शामिल करने के साथ वर्तमान में कैबिनेट में शामिल चेहरों को बड़ी जिम्मेदारी के साथ राज्य में भेजा जाए जिससे चुनाव साल में सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल हो सके।