नई दिल्ली। कांग्रेस ने मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में गिरावट संबंधी अनुमान को लेकर गुरुवार को दावा किया कि देश की अर्थव्यवस्था भयानक मंदी की चपेट में है और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस खबर को दबाने के लिए ही पैकेज की घोषणा की।
पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने यह भी आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोई योजना नहीं है। खबरों के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में जीडीपी में 8.6 फीसदी सिकुड़ जाएगी।
पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इतिहास में पहली बार अर्थव्यवस्था मंदी में चली गई। जो आंकड़े आ रहे हैं उनसे संकेत मिलता है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी में 8.6 फीसदी की गिरावट आई। लगातार दो तिमाही में नकारात्मक विकास दर का मतलब भयानक मंदी है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में 4 कदमों की जरूरत है। पहला यह कि किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिले। उन्हें पूरा न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। मांग को बढ़ाने की जरूरत है। नए रोजगार के सृजन की जरूरत है। राज्यों को केंद्र की ओर से अधिक पैसा दिया जाए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि जीडीपी विकास दर में कमी नहीं, बल्कि खुद जीडीपी ही घट गई है।
उन्होंने दावा किया कि मोटी-मोटी घोषणाएं की गई हैं और इनका क्या असर होगा, यह आगे पता चलेगा। लेकिन वित्त मंत्री ने रिजर्व बैंक के अनुमान से जुड़ी खबर को दबाने के लिए ही पैकेज की घोषणा की।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को रोजगार प्रोत्साहन के लिए नई योजना की घोषणा की। इसके तहत नई नियुक्तियां करने वाले प्रतिष्ठानों को भविष्यनिधि योगदान में सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कुछ अन्य घोषणाएं भी कीं। 12 नवंबर (भाषा)